70 सालों में संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षक सैनिकों में सबसे ज्यादा शहीद हुए भारतीय

punjabkesari.in Wednesday, May 30, 2018 - 12:46 PM (IST)

संयुक्त राष्ट्रः संयुक्त राष्ट्र के पिछले 70 सालों के विभिन्न शांति रक्षक अभियानों में भारत के सबसे अधिक शांतिरक्षक शहीद हुए हैं। संयुक्त राष्ट्र के अभियानों में कर्तव्य निर्वहन के दौरान देश के 163 शांतिरक्षकों को सर्वोच्च बलिदान देना पड़ा। इनमें सेना , पुलिस और असैन्य कर्मचारी भी शामिल थे।

संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक , 1948 से 3,737 शांतिरक्षकों की जान गयी हैं जिसमें से 163 भारत के हैं। यह आंकड़ा किसी भी देश के मुकाबले अधिक है। इस समय भारत संयुक्त राष्ट्र के शांतिरक्षकों के मामले में योगदान करने वाला तीसरा सबसे बड़ा देश है। इस समय इसके 6,693 शांतिरक्षक अबेई,साइप्रस,कांगो,हैती ,लेबनान ,मध्य पूर्व,दक्षिण सूडान और पश्चिमी सहारा में तैनात है ,हालांकि संयुक्त राष्ट्र ने जवानों , पुलिस इकाई गठित करने और दल के स्वामित्व वाले उपकरण के लिए 30 अप्रैल 2018 को नौ करोड़ 20 लाख अमेरिकी डॉलर का कर्ज दिया।
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संयुक्त राष्ट्र ने कल अंतरराष्ट्रीय शांतिरक्षक दिवस पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया और दुनिया भर के शांतिरक्षकों की सेवा और बलिदान के लिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। 2017 में संयुक्त राष्ट्र के किसी भी शांतिरक्षक अभियान में भारत के किसी भी शांतिरक्षक को जान नहीं गंवानी पड़ी।

2016 में दो शांतिरक्षक राइफलमैन बृजेश थापा और रवि कुमार को ड्यूटी के दौरान जान गंवानी पड़ी थी। थापा जहां यूएन आर्गेनाइजेशन स्टेबलाइजेशन मिशन इन द डेमोक्रेटिक रिपब्लिकन ऑफ द कांगो (एम.ओ.एन.यू.एस.सी.ओ.) में तैनात थे वहीं रवि कुमार यूएन इंटरिम फोर्स इन लेबनान में तैनात थे। इन्हें मरणोपरांत डैग हैमरस्जोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया था।        
 


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Isha

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