पान-गुटखा खाने वालों के लिए रेलवे ने बनाया नया प्लान, प्लेटफॉर्म की बजाय अब पाउच में थूकिए

punjabkesari.in Monday, Oct 11, 2021 - 03:12 PM (IST)

नई दिल्ली: पान-गुटखा खाकर जगह-जगह थूकने पर जहां पब्लिक प्लेस बेहद गंदे और भद्दे नज़र आते हैं वहीं इससे निपटने के लिए भारतीय रेलवे एक नई मुहिम की शुरूआत कर रहा है। दरअसल, भारतीय रेलवे अपने परिसरों में विशेषकर पान और तंबाकू खाने वालों द्वारा थूकने के कारण होने वाले दाग-धब्बों और निशानों को साफ करने के लिए सालाना लगभग 1,200 करोड़ रुपए और बहुत सारा पानी खर्च करता है।
 

थूकने से रोकने के लिए 42 स्टेशनों पर वेंडिंग मशीन लगाए जा रहे हैं
दरअसल,  यात्रियों को रेलवे परिसर में थूकने से रोकने के लिए 42 स्टेशनों पर वेंडिंग मशीन या कियोस्क लगाए जा रहे हैं, जो पांच रुपये से लेकर 10 रुपए तक के स्पिटून पाउच (पाउच वाला पीकदान) देंगे। रेलवे के तीन जोन - पश्चिम, उत्तर और मध्य ने इसके लिए एक स्टार्टअप EzySpit ​को ठेका दिया है।
 

जानें इस पाउट की खासियत
यात्री इन पीकदान पाउच को आसानी से जेब में रख सकते है और इनकी मदद से यात्री बिना किसी दाग ​​के जब भी और और जहां चाहें थूक सकते हैं।  इस पाउच के निर्माता के अनुसार इस उत्पाद में मैक्रोमोलेक्यूल पल्प तकनीक है और इसमें एक ऐसी सामग्री है, जो लार में मौजूद बैक्टीरिया और वायरस के साथ मिलकर जम जाती है। ये थूक को अवशोषित कर उन्हें ठोस में बदल देते हैं। एक बार उपयोग करने के बाद इन पाउचों को जब मिट्टी में फेंक दिया जाता है, तो ये पूरी तरह घुलमिल जाते हैं और पौधे की वृद्धि को बढ़ावा मिलता है। बता दें कि इन बायोडिग्रेडेबल पाउच को 15 से 20 बार इस्तेमाल किया जा सकता है। 


वहीं, बता दें कि नागपुर स्थित कंपनी ने स्टेशनों पर ईजीस्पिट ​वेंडिंग मशीन लगाना शुरू कर दिया है। ईजीस्पिट की सह-संस्थापक रितु मल्होत्रा ​​ने कहा कि हमने मध्य, उत्तर और पश्चिम रेलवे के 42 स्टेशनों के लिए भारतीय रेलवे के साथ एक करार किया है। 


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Content Writer

Anu Malhotra

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