प्रचंड के चीनी सहयोग पर दावे खोखले ! नेपाल में कागजों तक सिमटा BRI प्रोजैक्ट, दौड़ रही भारत की परियोजनाएं
punjabkesari.in Tuesday, Oct 03, 2023 - 02:50 PM (IST)

इंटरनेशनल डेस्कः नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड बेशक चीन के साथ सहयोग और समझौतों को लेकर बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं लेकिन हकीकत कुछ और ही है। प्रचंड ने रविवार को संसद में कहा कि चीनी नेताओं के साथ उनकी हालिया बैठकों के दौरान स्वास्थ्य और कृषि क्षेत्रों में सहयोग विस्तार के अलावा उत्तरी सीमा क्षेत्र में ट्रांसमिशन लाइन के निर्माण, सीमा पर सौर ऊर्जा संयंत्रों की स्थापना, विभिन्न सड़कों के निर्माण और अन्य मुद्दों पर चर्चा हुई लेकिन सच तो यह है कि नेपाल में कई चीनी परियोजनाएं केवल कागजों तक सीमित रह गई हैं।
प्रचंड ने संसद में दावा किया कि चीन के नेताओं के साथ हाल ही में हुई उनकी मुलाकात के दौरान ट्रांसमिशन लाइन बनाने के अलावा सीमा पर सोलर पावर प्लांट लगाने, सड़कें और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में विस्तार पर भी सहमति बनी है। प्रचंड भले ही चीन के साथ दोस्ती बढ़ने का दावा करें लेकिन नेपाल में चीन के सारे प्रॉजेक्ट कागजी साबित हो रहे हैं जबकि भारत की मदद वाले सभा प्रॉजेक्ट बहुत तेजी से आगे बढ़ रहे हैं। नेपाल को भारत ने कुल 63 अरब डॉलर की आर्थिक सहायता मुहैया कराई है। इकनॉमिक्स टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक प्रचंड को अपनी पिछले दिनों हुई चीन यात्रा के दौरान 12 प्रॉजेक्ट के लिए फंडिंग का आश्वासन मिला है। वह भी तब जब नेपाल के अंदर बेल्ट एंड रोड प्रॉजेक्ट अभी तक शुरू भी नहीं हुआ है।
नेपाल ने चीन के साथ साल 2017 में BRI समझौता किया था। भारत पर निर्भरता को कम करने के लिए नेपाल के नेता चीन के साथ BRI प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ाना चाहते थे कि लेकिन यह संभव नहीं सका। नेपाल के विदेश मंत्री ने खुद ही माना है कि अभी तक BRI प्रॉजेक्ट शुरू नहीं हो सके हैं। यही वजह है कि पिछले दिनों चीन के नेपाल में राजदूत बौखला गए थे और उन्होंने भारत पर निर्भरता को लेकर जहरीला बयान दिया था। चीन लगातार नेपाल पर दबाव बना रहा है कि BRI प्रॉजेक्ट को आगे बढ़ाए लेकिन अभी तक यह साफ नहीं हो पाया है कि जिनपिंग का यह ड्रीम प्रॉजेक्ट क्यों रुका हुआ है।
इसके विपरीत साल 2018 से भारत की ओर से शुरू किए गए प्रॉजेक्ट या तो पूरे हो गए हैं या फिर पूरे होने वाले हैं। सीमा चेक पोस्ट से लेकर हेल्थकेयर सर्विस तक या फिर रोड-रेल लिंक हो, ये सभी पूरे होने की कगार पर हैं। भारत ने पड़ोसी नेपाल में विभिन्न क्षेत्रों में कई प्रॉजेक्ट शुरू किए हैं। भारत ने नेपाल को 22 प्रॉजेक्ट के लिए 1.65 अरब डॉलर की क्रेडिट लाइन दी है। भारत की ओर से वित्तपोषित किए गए जो प्रॉजेक्ट पूरे हो गए हैं, उनमें बीरगंज और बिराटनगर, मोतिहारी-अमलेखगुंज पेट्रोलियम प्रॉडक्ट पाइपलाइन, तराई रोड प्रॉजेक्ट, जयनगर-कुर्था-बिजलपुर रेल लिंक शामिल हैं। इसके अलावा नेपाल में भारत की ओर से जोगबानी-बिराटनगर रेल लिंक, 900 मेगावाट अरुण 3 पनबिजली परियोजना और भूकंप के बाद घर निर्माण आदि प्रॉजेक्ट चल रहे हैं।