ट्रंप की टैरिफ़ वॉर पर भारत का काउंटरअटैकः क्वात्रा ने अमेरिकी संसद में खोला मोर्चा, रखा दमदार पक्ष

punjabkesari.in Saturday, Aug 23, 2025 - 05:06 PM (IST)

 Washington: अमेरिका में भारतीय राजनयिक विनय मोहन क्वात्रा ने अपनी कूटनीतिक भागीदारी जारी रखते हुए नयी दिल्ली और वाशिंगटन के बीच ‘टैरिफ' को लेकर जारी तनाव के बीच “संतुलित व्यापार संबंधों” पर चर्चा के लिए कई और अमेरिकी सांसदों से मुलाकात की। भारतीय राजदूत के सोशल मीडिया पोस्ट के अनुसार, उन्होंने नौ अगस्त से अब तक 19 अमेरिकी सीनेटर और कांग्रेस सदस्यों से मुलाकात की है। क्वात्रा ने शुक्रवार को ‘वेज एंड मीन्स कमेटी' और ‘हाउस इंटेलिजेंस कमेटी' की सदस्य क्लाउडिया टेनी से मुलाकात की तथा निष्पक्ष एवं संतुलित व्यापार संबंधों के महत्व पर गहन चर्चा की। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘हमने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों और निष्पक्ष एवं संतुलित व्यापार रिश्तों के महत्व पर चर्चा की।''

 

क्वात्रा ने कहा कि उन्होंने टेनी के साथ बैठक में नयी दिल्ली की “अमेरिका से बढ़ती हाइड्रोकार्बन खरीद को भारत की ऊर्जा सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में” रेखांकित किया। ऐसी ही एक अन्य बैठक में, क्वात्रा ने प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों और कृषि समिति के डेमोक्रेट सदस्य जोनाथन एल जैक्सन के साथ सार्थक बातचीत की। उन्होंने कहा, ‘‘हमने व्यापार और आर्थिक साझेदारी पर चर्चा की। भारत-अमेरिका द्विपक्षीय संबंधों में जैक्सन के समर्थन के लिए उनका धन्यवाद किया।'' क्वात्रा ने मिशिगन से कांग्रेस सदस्य हेली स्टीवंस को भारत द्वारा अमेरिका से की गई महत्वपूर्ण हाइड्रोकार्बन खरीद के बारे में अवगत कराया। स्टीवंस के साथ बैठक के बाद क्वात्रा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया, ‘‘हमने भारत-अमेरिका द्विपक्षीय आर्थिक साझेदारी पर चर्चा की, जिसमें हमारे निष्पक्ष और संतुलित व्यापार संबंध भी शामिल हैं।''

 

उन्होंने स्टीवंस के साथ बैठक में ‘‘भारत की ऊर्जा सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण घटक के रूप में अमेरिका से भारत द्वारा की गई महत्वपूर्ण हाइड्रोकार्बन खरीद'' के बारे में भी बात की। भारतीय राजनयिक ने भारत-अमेरिका संबंधों के प्रति स्टीवंस के दृढ़ समर्थन के लिए उन्हें धन्यवाद दिया। ये बैठकें ऐसे समय हो रही हैं, जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर कुल 50 प्रतिशत ‘टैरिफ' लगाए जाने के बाद भारत-अमेरिका संबंधों में तनाव बढ़ गया है। इसमें रूसी तेल की खरीद को लेकर 25 प्रतिशत ‘टैरिफ' भी शामिल है। रूस से कच्चे तेल की खरीद का बचाव करते हुए भारत यह कहता रहा है कि उसकी ऊर्जा खरीद राष्ट्रीय हित और बाजार की गतिशीलता से प्रेरित है।  


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Content Writer

Tanuja

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