मेलबर्न में अपने दूतावास की तोड़फोड़ पर भड़का भारत, ऑस्ट्रेलिया को दी कड़ी चेतावनी
punjabkesari.in Saturday, Apr 12, 2025 - 11:25 AM (IST)

Melbourn: ऑस्ट्रेलियाई में मेलबर्न स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास परिसर में तोड़फोड़ व विरूपित करने का मामला सामने आया है। इस मुद्दे को कैनबरा स्थित भारतीय उच्चायोग ने शुक्रवार को ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया। ‘द ऑस्ट्रेलिया टुडे' की खबर के अनुसार, मेलबर्न स्थित वाणिज्य दूतावास परिसर पहले भी इसी प्रकार की उकसावे वाली घटनाओं का गवाह रह चुका है, जहां विगत वर्षों में बढ़े हुए अंतरराष्ट्रीय तनाव के दौरान परिसर में नारेबाजी की गई थी। विक्टोरिया पुलिस ने बताया कि बृहस्पतिवार देर रात करीब एक बजे राजनयिक परिसर के मुख्य प्रवेश द्वार की दीवारों पर नारे लिखे मिले। पुलिस प्रवक्ता ने कहा, ‘‘अधिकारियों का मानना है कि इमारत के सामने वाले हिस्से पर बुधवार और बृहस्पतिवार के दरमियानी रात में नारे लिखे गये थे। नुकसान की जांच अब भी जारी है।''
Indian Consulate in #Melbourne #vandalised again — where is the swift justice Premier @JacintaAllanMP promised?
— The Australia Today (@TheAusToday) April 11, 2025
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उच्चायोग ने शुक्रवार को ‘एक्स' पर जारी एक पोस्ट में कहा कि उसने यह मुद्दा ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया है। पोस्ट में कहा गया है, ‘‘मेलबर्न में भारतीय महावाणिज्य दूतावास के परिसर को उपद्रवियों द्वारा विरूपित करने की घटना को ऑस्ट्रेलियाई अधिकारियों के समक्ष उठाया गया है। देश में भारतीय राजनयिक और वाणिज्य दूतावास परिसरों और कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सभी आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं।'' पुलिस ने अभी तक इस बात की पुष्टि नहीं की है कि बृहस्पतिवार की घटना में किसी संदिग्ध की पहचान हुई है या नहीं।
पुलिस प्रवक्ता ने बताया कि अधिकारियों ने लोगों से आग्रह किया है कि यदि उसके पास कोई सूचना है तो वे साझा करे। समाचार पोर्टल ने कहा कि इस घटना ने भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई समुदाय की चिंताएं फिर से बढ़ा दी हैं, जिन्होंने मेलबर्न में हिंदू मंदिरों और भारतीय सरकारी प्रतिष्ठानों को निशाना बनाकर की जाने वाली घटनाओं की बढ़ती प्रवृत्ति पर निराशा व्यक्त की है। एक भारतीय-ऑस्ट्रेलियाई ने कहा, ‘‘यह दीवार पर लिखें महज नारे नहीं है- यह हमारे समुदाय को डराने-धमकाने का संदेश है।'' उन्होंने कहा कि धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के स्थानों पर बार-बार होने वाले हमले अत्यंत दुखद हैं। विक्टोरिया की प्रीमियर जेसिंटा एलन सरकार ने इस वर्ष घृणा या धार्मिक पूर्वाग्रह से प्रेरित कृत्यों के लिए दंड को कड़ा करने हेतु निंदा-विरोधी कानून पारित किया।