स्वास्थ्य मंत्री मंडाविया बोले-भारत को जल्द मिलेंगे कोरोना के दो और स्वदेशी टीके, तीसरे फेज का ट्रायल पूरा

punjabkesari.in Tuesday, Dec 07, 2021 - 10:32 AM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने सोमवार को लोकसभा में जानकारी दी कि देश को आने वाले दिनों में दो और स्वदेशी कोरोना टीके उपलब्ध होंगे। मंडाविया ने ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मास्युटिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (संशोधन) विधेयक, 2021’ के पारित होने पर कहा कि दोनों नए टीकों के लिए तीसरे चरण के ट्रायल के आंकड़े जमा कर दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि दोनों नए टीकों का डेटा और ट्रायल सफल होगा। ये दोनों कंपनियां भारतीय हैं, इससे जुड़ा शोध और निर्माण भी देश में ही किया गया है। सरकार की मदद से भारतीय वैज्ञानिकों ने सिर्फ 9 महीनों में covid-19 वैक्सीन विकसित कर लिया।

 

दूसरे देश से आने वाली 51 सक्रिय दवा सामग्री भारत में बनेगी
मांडविया ने कहा है कि दूसरे देशों से आयात की जाने वाली 51 सक्रिय दवा सामग्री (API) अपने देश में बने, इसके लिये उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI) शुरू की गई और चार औषधि पार्क स्थापित करने की दिशा में काम किया जा रहा है। लोकसभा में सोमवार को राष्ट्रीय औषध शिक्षा और अनुसंधान संस्थान (संशोधन) विधेयक 2021 पर हुई चर्चा का जवाब देते हुए मांडविया ने कहा कि सरकार भारत को ‘दुनिया की औषधि का केंद्र'बनाने के लिए प्रतिबद्ध है। 51 (API) की पहचान की गई है जिनका हम दूसरे देशों से आयात करते हैं। अगर हम भारत में इन्हें नहीं बनाएंगे तो कभी संकट पैदा हो सकता है। हम देश में काफी मात्रा में एपीआई विनिर्माण की दिशा में काम कर रहे हैं। हम चाहते हैं कि भारत न केवल अपनी बल्कि दुनिया की आवश्यकताओं को भी पूरा करे।

 

मांडविया ने कहा कि देश में 8500 जन औषधि केंद्र हैं जिनमें 600 दवाइयां उपलब्ध हैं। भारत मे बनी सस्ती जेनेरिक दवाओं का इस्तेमाल पूरी दुनिया करती हैं जबकि दुनिया की महंगी ब्रांडेड दवाएं हम खाते हैं। गरीबों को सस्ती दवा मुहैया हो उसके लिए हम जेनेरिक दवाओं को बढ़ावा देना चाहते हैं। कोरोना रोधी टीकाकरण अभियान का जिक्र करते हुए कहा कि सभी राज्यों में 20 करोड़ से अधिक टीकों की खुराक शेष हैं और सभी क्षेत्रों में टीकाकरण अभियान चलाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि देश में कोविड रोधी दो अन्य टीके आने वाले हैं जो परीक्षण के तीसरे चरण से गुजर रहे हैं। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री ने विधेयक का उल्लेख करते हुए कहा कि की इसमें चार संशोधन किये गए हैं। इसका उद्देश्य कई औषध संस्थाओं को राष्ट्रीय महत्व के संस्थान का दर्जा देने, वहां स्तानक स्तर की डिग्री को मंजूरी देना और इस संस्थाओं को आत्मनिर्भर बनाना है।


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Content Writer

Seema Sharma

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