समीकंडक्टर का किंग बनेगा भारत, 4 बड़े समझौतों पर लगी मुहर, साइन हुआ MoU

punjabkesari.in Thursday, Sep 05, 2024 - 08:23 PM (IST)

नेशनल डेस्क : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का हाल ही में सिंगापुर दौरा भारत के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण साबित हो रहा है। इस दौरे के दौरान भारत और सिंगापुर के बीच कई महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए हैं। इनमें से कई समझौते विशेष रूप से सेमीकंडक्टर क्षेत्र से जुड़े हुए हैं। इन समझौतों का सीधा लाभ भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में देखने को मिल सकता है। भारत इस क्षेत्र में तेजी से विकास की ओर बढ़ रहा है और इन समझौतों से भारत को वैश्विक स्तर पर एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी बनने में मदद मिल सकती है।

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सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत की बढ़ती भूमिका
भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में तेजी से विकास की दिशा में अग्रसर हो रहा है। इस क्षेत्र में भारत की प्रगति को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी तरह से समर्थन और प्रोत्साहन दिया है। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि भविष्य में सेमीकंडक्टर इंडस्ट्री का महत्व बढ़ेगा और भारत इस क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। प्रधानमंत्री मोदी ने पहले ही अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है कि सेमीकंडक्टर उद्योग में भारत का भविष्य उज्जवल होगा। उनका विश्वास है कि भारत इस क्षेत्र में वैश्विक स्तर पर प्रमुख खिलाड़ी बनेगा। सिंगापुर दौरे के दौरान हुए समझौतों से भारत के इस लक्ष्य की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। इन समझौतों से भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में अपनी स्थिति मजबूत करने और वैश्विक मंच पर अपनी भूमिका निभाने में सहायता मिलेगी।

सिंगापुर के साथ समझौतों की प्रमुख बातें
प्रधानमंत्री मोदी ने सिंगापुर में अपने समकक्ष लॉरेंस वोंग के साथ बैठक की। इस बैठक के बाद मोदी ने कहा कि सिंगापुर केवल एक भागीदार देश नहीं, बल्कि हर विकासशील देश के लिए प्रेरणा है। भारत में भी कई सिंगापुर जैसे विकासशील क्षेत्र स्थापित करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। दोनों देशों के बीच हो रहा मंत्रिस्तरीय गोलमेज सम्मेलन विभिन्न क्षेत्रों जैसे स्किल, डिजिटलीकरण, मोबिलिटी, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, एआई, स्वास्थ्य सेवा और साइबर सुरक्षा में सहयोग का प्रतीक है।

सेमीकंडक्टर क्षेत्र में भारत और सिंगापुर का सहयोग
सिंगापुर को सेमीकंडक्टर उद्योग में एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी माना जाता है। इसकी वजह से भारत और सिंगापुर के बीच हुए हालिया समझौतों का आने वाले समय में बड़ा प्रभाव हो सकता है। सिंगापुर की तकनीकी और व्यावसायिक विशेषज्ञता से भारत को इस क्षेत्र में महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है। इन समझौतों के तहत, भारत और सिंगापुर के बीच कई क्षेत्रों में सहयोग बढ़ेगा। खासकर, शिक्षा और एंटरप्रेन्योरशिप के क्षेत्र में दोनों देश मिलकर काम करेंगे। यह सहयोग भारतीय युवाओं और उद्यमियों को नई संभावनाएं और कौशल प्राप्त करने में मदद करेगा।

सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम का विकास
इसके अतिरिक्त, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना तकनीक मंत्रालय ने सिंगापुर के साथ एक समझौता किया है, जिसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम को मजबूत करना है। इस समझौते के तहत, भारत और सिंगापुर के बीच सेमीकंडक्टर टेक्नोलॉजी, अनुसंधान, और विकास में सहयोग बढ़ेगा। इस सहयोग से भारत को इस क्षेत्र में नई तकनीक और संसाधनों का लाभ मिल सकेगा, जिससे भारतीय सेमीकंडक्टर उद्योग को और मजबूती मिलेगी।

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भारत को मिलेगा विशेष लाभ
जानकारों के अनुसार, भारत और सिंगापुर के बीच हुए समझौतों से भारत को कई महत्वपूर्ण लाभ हो सकते हैं। सबसे पहले, इन समझौतों के माध्यम से भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में उच्च गुणवत्ता वाले टैलेंट को विकसित करने में मदद मिलेगी। इससे भारतीय युवाओं और पेशेवरों को इस क्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे और उनकी विशेषज्ञता बढ़ेगी। समझौतों के तहत, भारत और सिंगापुर के बीच सेमीकंडक्टर इंडस्ट्रियल पार्क मैनेजमेंट से संबंधित जानकारी का आदान-प्रदान होगा। इससे भारत को अपने सेमीकंडक्टर उद्योग के विकास के लिए आवश्यक प्रबंधन और संचालन के बारे में नई जानकारियाँ मिलेंगी, जो इस क्षेत्र को व्यवस्थित और प्रभावी ढंग से संचालित करने में सहायक होंगी। भारत में स्किल्ड लेबर की उपलब्धता सिंगापुर से अधिक है। इसके चलते, सिंगापुर को भी भारत से अच्छी और कुशल लेबर मिल सकेगी, जो उनके प्रोजेक्ट्स और ऑपरेशन्स के लिए लाभकारी होगी।

भारत को सेमीकंडक्टर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का उद्देश्य है कि भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बने और वैश्विक स्तर पर एक प्रमुख लीडर के रूप में स्थापित हो। इसके लिए वह लगातार प्रयासरत हैं और इस दिशा में कई कदम उठा रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा है कि भारत पहले से ही स्पेस, न्यूक्लियर और डिजिटल पावर में एक महत्वपूर्ण स्थिति में है। उनका विश्वास है कि आने वाले समय में भारत सेमीकंडक्टर सेक्टर में भी एक ग्लोबल लीडर बनेगा। प्रधानमंत्री मोदी का मानना है कि आज किए गए फैसले और बनाई जा रही नीतियों का लाभ भारत को लंबे समय तक मिलेगा। यह नीतियाँ और रणनीतियाँ भारत को सेमीकंडक्टर उद्योग में आत्मनिर्भरता की ओर ले जाएंगी और वैश्विक मंच पर उसकी स्थिति को मजबूत करेंगी।

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युवाओं को होगा लाभ
प्रधानमंत्री मोदी के अनुसार, भारत की आर्थिक और तकनीकी वृद्धि का सबसे बड़ा फायदा देश के युवाओं को होगा। उनका मानना है कि युवा शक्ति ही देश की विकास यात्रा की सबसे महत्वपूर्ण धुरी है और वे भविष्य में नए अवसरों का लाभ उठाएंगे। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 21वीं सदी पूरी तरह से टेक्नोलॉजी पर आधारित होगी। इस तकनीकी युग में इलेक्ट्रॉनिक चिप्स की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण होगी। ये चिप्स विभिन्न उपकरणों और सिस्टम्स के कार्य को सुचारु रूप से चलाने में महत्वपूर्ण योगदान करेंगी।

'मेड इन इंडिया' चिप्स का महत्व
प्रधानमंत्री मोदी का कहना है कि 'मेड इन इंडिया' चिप्स और भारत में डिजाइन की गई चिप्स देश को आत्मनिर्भर और आधुनिक बनाने में सहायक होंगी। इन चिप्स के माध्यम से भारत को न केवल तकनीकी स्वतंत्रता मिलेगी, बल्कि यह वैश्विक तकनीकी प्रतिस्पर्धा में भी भारत को मजबूत बनाएगा। यह आत्मनिर्भरता और आधुनिकता के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।

 

 

 

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Content Editor

Utsav Singh

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