अलास्का में ट्रंप-पुतिन शिखर बैठक पर भारत की आई प्रतिक्रिया, कह दी ये बड़ी बात
punjabkesari.in Saturday, Aug 16, 2025 - 05:21 PM (IST)

नेशनल डेस्क : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच अलास्का में हुई अहम शिखर बैठक पर भारत की प्रतिक्रिया सामने आई है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुलाकात का स्वागत करते हुए कहा कि यह बैठक शांति की दिशा में एक अहम कदम है।
भारत ने की शांति प्रयासों की सराहना
रणधीर जायसवाल ने कहा, "भारत अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच हुई शिखर बैठक का स्वागत करता है। शांति की दिशा में उनका नेतृत्व अत्यंत सराहनीय है।"
उन्होंने यह भी कहा, "भारत इस बैठक में हुई प्रगति की सराहना करता है। आगे का रास्ता केवल बातचीत और कूटनीति से ही निकल सकता है। पूरी दुनिया यूक्रेन में चल रहे संघर्ष का शीघ्र अंत देखना चाहती है।"
MEA spokesperson Randhir Jaiswal says, "India welcomes the Summit meeting in Alaska between US President Donald Trump and President Vladimir Putin of Russia. Their leadership in the pursuit of peace is highly commendable. India appreciates the progress made in the Summit. The way… pic.twitter.com/2FXnyvzIrD
— ANI (@ANI) August 16, 2025
ट्रंप का बड़ा बयान: “सीजफायर नहीं, सीधे शांति समझौता हो”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अलास्का बैठक के बाद मीडिया से बातचीत में कहा कि, “यूक्रेन और रूस के बीच चल रही जंग को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका एक प्रत्यक्ष शांति समझौता करना है, न कि केवल सीजफायर पर रुकना।”
ट्रंप का यह बयान चौंकाने वाला माना जा रहा है, क्योंकि इससे पहले उन्होंने कई बार पहले सीजफायर और फिर शांति समझौते की प्रक्रिया को प्राथमिकता दी थी। लेकिन अब वह सीधे शांति समझौते की वकालत कर रहे हैं।
ट्रुथ सोशल पर ट्रंप की पोस्ट
ट्रंप ने अपनी सोशल मीडिया साइट ट्रुथ सोशल पर लिखा,
“अलास्का में आज का दिन बहुत कामयाब रहा! रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ मुलाकात बहुत सकारात्मक रही। इसके अलावा मैंने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और यूरोप के कई नेताओं, जिनमें नाटो के सेक्रेटरी जनरल भी शामिल हैं, के साथ देर रात फोन पर बात की। हम सभी इस बात पर सहमत हुए कि रूस और यूक्रेन के बीच जारी भयानक युद्ध को समाप्त करने का सबसे उचित मार्ग एक शांति समझौता है, न कि अस्थायी सीजफायर, जो अक्सर विफल हो जाता है।”
वैश्विक स्तर पर बढ़ी उम्मीदें
अलास्का में हुई इस महत्वपूर्ण बैठक के बाद विश्व समुदाय की उम्मीदें शांति स्थापना को लेकर और अधिक प्रबल हो गई हैं। भारत सहित कई देश अब यह आशा कर रहे हैं कि यह पहल यूक्रेन-रूस युद्ध को समाप्त करने की दिशा में एक निर्णायक मोड़ साबित हो सकती है।