2030 तक भारत में रोजगार सृजन का बड़ा मौका- शोभना कामिनेनी
punjabkesari.in Friday, Jan 24, 2025 - 01:43 PM (IST)
नेशनल डेस्क: भारत की विकास यात्रा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर उद्योगपति शोभना कामिनेनी ने जोरदार टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के अलावा कोई और नेता आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के मामले में 'डेविड बेकहम की तरह काम नहीं कर सकता'। अपोलो हॉस्पिटल्स की उपाध्यक्ष शोभना कामिनेनी ने यह टिप्पणी उस समय की जब वे दावोस में आयोजित विश्व आर्थिक मंच (WEF) के शिखर सम्मेलन में भाग ले रही थीं। कामिनेनी ने मोदी के नेतृत्व में भारत की बढ़ती आर्थिक क्षमता और विकास की दिशा को लेकर अपनी उम्मीदों को साझा किया। उन्होंने खासतौर पर डिजिटलीकरण, सस्ते डेटा और आईटी सेवाओं की उपलब्धता को भारतीय अर्थव्यवस्था के महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में उभारा।
प्रधानमंत्री मोदी एक बेमिसाल खिलाड़ी
शोभना कामिनेनी ने प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की तुलना डेविड बेकहम से की, जो अपनी फुटबॉल कौशल के लिए जाने जाते हैं। उन्होंने कहा, "नरेंद्र मोदी के अलावा कोई और नेता बेकहम की तरह इस खेल को मोड़ने की क्षमता नहीं रखता। मोदी के नेतृत्व में हम एक ऐसे महान खिलाड़ी के साथ हैं जो हमारी टीम का नेतृत्व कर रहा है।"
कामिनेनी ने यह भी बताया कि सरकार अब एक मालिक की तरह सोच रही है, जिसमें केवल तिमाही की स्थिति को नहीं, बल्कि एक लंबी अवधि के लक्ष्य को ध्यान में रखा जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने निजी क्षेत्र के योगदान की अहमियत को भी रेखांकित किया, जो भारत के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
भारत का डिजिटल विकास और उद्यमिता की बढ़ती गति
कामिनेनी ने आगे कहा कि भारत की कहानी अब डिजिटल युग की ओर बढ़ रही है। यहां सस्ते डेटा, आईटी सेवाओं और बढ़ती उद्यमिता की वजह से भारतीय व्यापार का माहौल तेजी से बदल रहा है। "हम एक के बाद एक व्यवसायों को नए उत्साह के साथ देख सकते हैं। भारत में एआई का विकास और सस्ता डेटा हमें वैश्विक व्यापार के साथ प्रतिस्पर्धा करने में मदद कर रहा है," उन्होंने कहा। उनका मानना है कि भारत का विकास अब सिर्फ दिल्ली और अन्य महानगरों तक सीमित नहीं है। "अब लोग छोटे शहरों और कस्बों से भी व्यापार में सफलता हासिल कर रहे हैं। भारत में हर कोई कहीं से भी अरबपति बन सकता है," कामिनेनी ने जोड़ा।
भारत के लिए रोजगार का बड़ा अवसर
कामिनेनी ने भारत के भविष्य को लेकर एक गंभीर मुद्दे को उठाया। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत में एक अरब नए रोजगार योग्य लोग होंगे और यह एक बड़ी चुनौती होगी। उनका कहना था, "हमें यह सोचना होगा कि हम अधिक से अधिक रोजगार कैसे पैदा कर सकते हैं। किसी को भी सब्सिडी की आवश्यकता नहीं है, लोग नौकरी चाहते हैं।" उन्होंने भारत में रोजगार सृजन की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को महत्व दिया और कहा कि यह हर उद्योग का काम होना चाहिए कि वह नए रोजगार के अवसर पैदा करे।