January महीने में 2.78 लाख टन तक पहुंचा भारत का Soybean खली निर्यात
punjabkesari.in Wednesday, Feb 19, 2025 - 02:10 PM (IST)
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नेशनल डेस्क। जनवरी महीने में भारत का सोयाबीन खली निर्यात 2.78 लाख टन तक पहुंच गया जोकि अक्टूबर-सितंबर के तेल वर्ष में अब तक का सबसे अधिक निर्यात है। इस सफलता का कारण प्रतिस्पर्धी कीमतों पर मजबूत मांग और प्रीमियम गुणवत्ता वाली सोयाबीन खली की उपलब्धता है।
निर्यात में वृद्धि का कारण
निर्यातकों के अनुसार तेल वर्ष अक्टूबर से सितंबर तक चलता है जिसमें शुरुआत के महीनों में बेहतर गुणवत्ता और उचित दरों पर सोयाबीन खली की प्रचुरता के कारण निर्यात की मात्रा सबसे अधिक होती है।
सोयाबीन प्रोसेसर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SOPA) के कार्यकारी निदेशक डीएन पाठक ने बताया, "जनवरी में सोयाबीन खली का निर्यात बढ़कर 2.78 लाख टन हो गया है। यह पिछले महीने से थोड़ा अधिक है और इस तेल वर्ष में अब तक का सबसे अधिक निर्यात है।"
मुख्य निर्यातक देश
सोपा द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार जनवरी में सोयाबीन खली के प्रमुख आयातक देश फ्रांस, जर्मनी, नीदरलैंड और केन्या थे।
➤ फ्रांस ने 54,520 मीट्रिक टन
➤ जर्मनी ने 53,705 मीट्रिक टन
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➤ नीदरलैंड ने 45,800 मीट्रिक टन
➤ केन्या ने 10,430 मीट्रिक टन सोयाबीन खली का आयात किया।
मध्य प्रदेश का योगदान: मध्य प्रदेश भारत में सोयाबीन की प्रमुख खेती करने वाला राज्य है।
पिछले साल की तुलना में निर्यात में वृद्धि: अक्टूबर 2024 से जनवरी 2025 तक सोयाबीन खली का निर्यात 7.96 लाख टन रहा जबकि पिछले साल की इसी अवधि में यह 9.34 लाख टन था।
2023-24 तेल वर्ष में कुल निर्यात: 2023-24 के तेल वर्ष में भारत से कुल सोयाबीन खली का निर्यात 22.75 लाख टन हुआ जो पिछले वर्ष की तुलना में 24 प्रतिशत अधिक था।
सरकार से समर्थन की मांग
भारत से सोयाबीन खली के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए सोपा ने सरकार से याचिका की है कि वह किसानों को उच्च उपज वाली सोयाबीन बीज की किस्में बिना किसी लागत के वितरित करे ताकि उत्पादन को और बढ़ावा मिल सके। इस निर्यात वृद्धि से भारत को सोयाबीन खली के वैश्विक बाजार में अपनी स्थिति को मजबूत करने में मदद मिल रही है।