भारत का ऑटो सेक्टर: 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था का बड़ा योगदान
punjabkesari.in Sunday, Jun 29, 2025 - 03:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: भारत अपनी 5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के लक्ष्य की ओर तेजी से बढ़ रहा है, और इसमें ऑटोमोबाइल सेक्टर एक अहम भूमिका निभा रहा है। यह सेक्टर न सिर्फ भारी संख्या में वाहन बनाता है, बल्कि रोजगार भी प्रदान करता है और देश के निर्यात को भी बढ़ावा देता है। वित्त वर्ष 2024-25 में भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा वाहन बाजार बन चुका है। इस दौरान भारत ने करीब 31 मिलियन से अधिक वाहन बनाए, जिनमें यात्री वाहन, वाणिज्यिक वाहन, तिपहिया और दोपहिया वाहन शामिल हैं।
भारत से लगभग 5.7 मिलियन वाहन विदेशों में निर्यात किए गए, खासकर जापान, मैक्सिको और अफ्रीका के बाजारों में। यह क्षेत्र भारत के कुल GDP में करीब 7.1 प्रतिशत और विनिर्माण GDP में 49 प्रतिशत का योगदान देता है। साथ ही यह 37 मिलियन से अधिक लोगों को रोजगार भी प्रदान करता है और देश के कुल निर्यात का लगभग 8 प्रतिशत हिस्सा बनाता है।
सरकार की नीतियां और योजनाएं
सरकार ने ऑटो सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए कई नई नीतियां और प्रोत्साहन योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से प्रमुख हैं:
➤ PLI योजना: 25,938 करोड़ रुपये की इस योजना के तहत इलेक्ट्रिक वाहन, हाइड्रोजन वाहन और अन्य उन्नत तकनीकों में निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। इस योजना ने अब तक 67,000 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश आकर्षित किए हैं और कई लाखों रोजगार सृजित किए हैं।
➤ FAME-II योजना: 11,500 करोड़ रुपये के बजट के साथ यह योजना इलेक्ट्रिक दोपहिया, तिपहिया और बसों को सब्सिडी देकर देश में EVs को बढ़ावा देती है।
➤ एडवांस्ड केमिस्ट्री सेल (ACC) बैटरी योजना: 18,100 करोड़ रुपये की यह योजना भारत में बैटरी उत्पादन बढ़ाने और आयात पर निर्भरता कम करने के लिए काम कर रही है।
वाहन स्क्रैपेज नीति: पुरानी और प्रदूषण फैलाने वाली गाड़ियों को सड़क से हटाकर नई गाड़ियों की मांग बढ़ाने का प्रयास है।
इलेक्ट्रिक वाहनों का तेजी से विकास
भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों की मांग बढ़ रही है, खासकर दोपहिया और तिपहिया श्रेणियों में। वित्त वर्ष 2024-25 में EVs की बिक्री कुल बिक्री का 6% से अधिक हो गई है। मई 2025 में इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री में भी बड़ा उछाल आया।