लद्दाख विवाद के बीच भारत को मिल सकता है 'ब्रह्मास्त्र'! रूस रवाना हुए राजनाथ सिंह
punjabkesari.in Monday, Jun 22, 2020 - 10:36 AM (IST)
नेशनल डेस्क: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह मॉस्को में आयोजित विजय दिवस परेड में शिरकत के लिए आज से रूस की तीन दिनों की यात्रा करेंगे। रक्षा मंत्री की यह यात्रा भारत और चीन के बीच बढ़ते सीमा गतिरोध के मध्य में हो रहा है, ऐसे में माना जा रहा है कि वह रूस से वायु रक्षा प्रणाली एस-400 की आपूर्ति जल्द करने का अनुरोध कर सकते हैं।
Delhi: Defence Minister Rajnath Singh departs for Moscow, Russia on a 3-day visit. During his visit to Russia, he'll hold talks on ways to further deepen India-Russia defence & strategic partnership&attend 75th Victory Day Parade of World War II. Defence Secy is accompanying him. https://t.co/PI90vkHRFu pic.twitter.com/XE4dde5PVE
— ANI (@ANI) June 22, 2020
एस-400 लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली रूस की सबसे आधुनिक मिसाइल रक्षा प्रणाली है। एस-400 डिफेंस सिस्टम एक तरह से मिसाइल शील्ड का काम करेगा, जो पाकिस्तान और चीन की एटमी क्षमता वाली बैलिस्टिक मिसाइलों से भारत को सुरक्षा देगा। यह सिस्टम अमेरिका के सबसे एडवांस्ड फाइटर जेट एफ-35 को भी गिरा सकता है। पड़ोसी देशों से चल रहे विवाद को देखते हुए भारत चाहता है कि यह रक्षा प्रणाली जल्द उस तक पहुंचे।
बता दें कि विजय दिवस परेड द्वितीय विश्व युद्ध में जर्मनी पर सोवियत की जीत की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आयोजित होगी। रक्षा मंत्रालय ने एक बयान में कहा था कि चीन के साथ सीमा विवाद के बावजूद सिंह यात्रा करेंगे क्योंकि रूस के साथ भारत के दशकों पुराने सैन्य संबंध हैं। रूस के राजदूत निकोले कुदाशेव ने ट्वीट किया था किे मैं सामरिक साझेदार भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की सुरक्षित यात्रा की कामना करता हूं जो सोमवार को मॉस्को के लिए रवाना होंगे जहां वह 24 जून को ‘ग्रेट विक्टरी डे सैन्य परेड' के गवाह बनेंगे।
यह परेड पहले नौ मई को होने थी लेकिन कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के चलते इसे टाल दिया गया था। परेड में शामिल होने के लिए 75 सदस्यीय भारतीय सैन्य दस्ता पहले ही मॉस्को पहुंच गया है। मंत्रालय ने कहा कि रक्षा मंत्री की यात्रा भारत और रूस के बीच दीर्घकालिक विशेष एवं विशेषाधिकृत सामरिक साझेदारी को मजबूत करेगा। भारतीय मार्चिंग दस्ते का नेतृत्व गैलेंट सिख लाइट इंफैंट्री रेजिमेंट के मेजर रैंक के एक अधिकारी करेंगे। इस रेजिमेंट ने द्वितीय विश्व युद्ध में बहादुरी के साथ लड़ाई की थी और इसके नाम पर चार युद्ध सम्मान एवं दो सैन्य क्रॉस समेत अन्य वीरता पुरस्कार दर्ज हैं। भारतीय टीम चीन समेत कम से कम 11 देशों से भाग ले रहे सशस्त्र बलों के साथ इस परेड में हिस्सा लेगी।