घाना की धरती से PM मोदी का बड़ा संदेश: भारत अब सिर्फ साझेदार नहीं, विकास का सह-यात्री
punjabkesari.in Thursday, Jul 03, 2025 - 12:12 PM (IST)

International Desk: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि भारत एवं घाना ने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी के स्तर तक विस्तार दिया है और नयी दिल्ली इस अफ्रीकी राष्ट्र की विकास यात्रा में सह-यात्री है। प्रधानमंत्री मोदी ने घाना के राष्ट्रपति जॉन ड्रामानी महामा के साथ व्यापक वार्ता के बाद बुधवार को ये टिप्पणियां कीं। मोदी ने मीडिया को दिए अपने बयान में कहा कि दोनों पक्षों ने अगले पांच साल में द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा है और भारत, घाना की विकास यात्रा में सिर्फ साझेदार ही नहीं बल्कि सह-यात्री भी है। दोनों नेताओं के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की बैठक मोदी के पश्चिम अफ्रीकी देश की राजधानी पहुंचने के कुछ घंटे बाद हुई। मोदी पांच देशों की यात्रा के पहले चरण में घाना पहुंचे हैं।
घाना के राष्ट्रपति महामा ने प्रधानमंत्री मोदी की हवाई अड्डे पर अगवानी की, जहां उनका पारंपरिक स्वागत किया गया। यह पिछले तीन दशक में भारत के किसी प्रधानमंत्री की पहली घाना यात्रा है। मोदी और महामा के बीच वार्ता के बाद दोनों पक्षों ने संस्कृति और पारंपरिक चिकित्सा समेत कई क्षेत्रों में चार समझौतों पर हस्ताक्षर किए। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘‘आज, मैंने और राष्ट्रपति ने अपनी द्विपक्षीय साझेदारी को एक व्यापक साझेदारी के स्तर तक बढ़ाने का निर्णय लिया है। भारत, घाना की राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सिर्फ एक साझेदार ही नहीं, बल्कि एक सह-यात्री भी है।'' उन्होंने दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंधों में वृद्धि पर भी प्रकाश डाला। उन्होंने कहा, ‘‘भारतीय कंपनियों ने करीब 900 परियोजनाओं में लगभग दो अरब डॉलर का निवेश किया है।
आज, हमने अगले पांच वर्ष में आपसी व्यापार को दोगुना करने का लक्ष्य रखा।'' प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वित्तीय प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भारत यूपीआई डिजिटल भुगतान का अपना अनुभव घाना के साथ साझा करने के लिए तैयार है।'' उन्होंने यह भी कहा कि भारतीय कंपनियां महत्वपूर्ण खनिजों की खोज और खनन में सहयोग करेंगी। मोदी ने कहा कि दोनों पक्ष इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है तथा इस खतरे से निपटने में आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया गया। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस बात पर एकमत हैं कि आतंकवाद मानवता का दुश्मन है। हम आतंकवाद के खिलाफ हमारी लड़ाई में सहयोग के लिए घाना को धन्यवाद देते हैं।'' उन्होंने कहा, ‘‘इस संदर्भ में हमने आतंकवाद से निपटने में आपसी सहयोग को और मजबूत करने का निर्णय लिया है।'' प्रधानमंत्री ने कहा कि रक्षा के क्षेत्र में हम ‘‘एकजुटता के जरिए सुरक्षा'' के मंत्र के साथ आगे बढ़ेंगे।
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों के प्रशिक्षण, समुद्री सुरक्षा, रक्षा आपूर्ति और साइबर सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में भारत-घाना सहयोग बढ़ाया जाएगा। मोदी ने कहा कि दोनों पक्षों ने पश्चिम एशिया और यूरोप में संघर्षों पर गंभीर चिंता व्यक्त की और बातचीत एवं कूटनीति के माध्यम से समस्याओं का समाधान खोजने का आह्वान किया। उन्होंने कहा, ‘‘यह युद्ध का युग नहीं है, समस्याओं का समाधान बातचीत और कूटनीति के माध्यम से किया जाना चाहिए।'' दोनों नेताओं ने ‘ग्लोबल साउथ' के समक्ष आने वाले मुद्दों पर भी बात की। मोदी ने कहा, ‘‘हम दोनों ‘ग्लोबल साउथ' के सदस्य हैं और इसकी प्राथमिकताओं के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध हैं। हम ‘वॉयस ऑफ ग्लोबल साउथ समिट' में घाना की सकारात्मक भागीदारी के लिए उसे धन्यवाद देते हैं।''
‘ग्लोबल साउथ' शब्द का इस्तेमाल आम तौर पर आर्थिक रूप से कम विकसित देशों को संदर्भित करने के लिए किया जाता है। उन्होंने कहा, ‘‘यह भारत के लिए गर्व की बात है कि जी20 की हमारी अध्यक्षता के तहत अफ्रीकी संघ को जी20 की स्थायी सदस्यता मिली।'' राष्ट्रपति महामा के साथ वार्ता को ‘‘बेहद सार्थक'' बताते हुए मोदी ने ‘एक्स' एक पोस्ट में कहा, ‘‘हमने अपने संबंधों को व्यापक साझेदारी तक बढ़ाया है, जो हमारे देशों के लोगों के लिए फायदेमंद होगा। हमने व्यापार और आर्थिक संबंधों को बेहतर बनाने के तरीकों पर चर्चा की। फिनटेक (वित्तीय प्रौद्योगिकी), कौशल विकास, स्वास्थ्य सेवा और ऐसे अन्य क्षेत्रों में सहयोग पर भी विचार-विमर्श किया गया।'' उन्होंने कहा कि भारत और घाना महत्वपूर्ण खनिज, रक्षा, समुद्री सुरक्षा और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में मिलकर काम करने की अपार संभावनाएं देखते हैं।