गाजा युद्धविराम के जश्न में गूंजा भारत का नाम, ट्रंप ने PM मोदी पर लुटाया प्रेम, बोले- "INDIA महान देश...मेरेअच्छे दोस्त के नेतृत्व में खूब चमक रहा"
punjabkesari.in Tuesday, Oct 14, 2025 - 11:28 AM (IST)
Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को भारत और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का नाम लिए बिना उनकी प्रशंसा करते हुए कहा, ‘‘भारत महान देश है, जिसका नेतृत्व मेरे बहुत अच्छे मित्र कर रहे हैं।'' ट्रंप ने गाजा में इजराइल-हमास के बीच करीब दो साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्ध विराम पर बनी सहमति के बाद मिस्र के शर्म अल शेख शहर में विश्व नेताओं के एक सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि ‘‘भारत और पाकिस्तान एक साथ बहुत अच्छी तरह से रहेंगे''।
"India🇮🇳 is a great country with a very good friend of mine at the top and he has done a fantastic job. I think that Pakistan🇵🇰 and India🇮🇳 are going to live very nicely together."
— South Asia IntelWire (@SouthAsiaIntel) October 13, 2025
POTUS Trump🇺🇸 at Gaza Peace Summit in Sharm El Sheikh, Egypt🇪🇬.#Gaza #India #US #Trump #Palestine pic.twitter.com/YuNp2onQgc
ट्रंप ने अपने पीछे खड़े पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की ओर देखते हुए कहा, ‘‘भारत महान देश है और मेरे बहुत अच्छे मित्र उसका नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने शानदार काम किया है। मुझे लगता है कि पाकिस्तान और भारत साथ मिलकर बहुत अच्छे से रहेंगे।'' इससे पहले शरीफ और पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल आसिम मुनीर की प्रशंसा करते हुए ट्रंप ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री को सभा को संबोधित करने के लिए आमंत्रित किया। शरीफ ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रंप के अथक प्रयासों के बाद पश्चिम एशिया में शांति स्थापित हुई है।
ट्रंप अब तक भारत और पाकिस्तान के बीच के विवाद समेत सात विवादों को सुलझाने का दावा करते रहे हैं। हालांकि, अब उन्होंने इजराइल-गाजा विवाद को जोड़कर यह संख्या आठ कर दी है। ट्रंप ने 10 मई को सोशल मीडिया पर घोषणा की थी कि अमेरिका की मध्यस्थता से भारत और पाकिस्तान ‘‘पूर्ण और तत्काल'' संघर्ष विराम पर सहमत हो गए हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने दर्जनों बार अपना यह दावा दोहराया कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष का ‘समाधान' करने में मदद की है। भारत ने लगातार यह कहा है कि पाकिस्तान के साथ संघर्ष समाप्त करने पर सहमति दोनों सेनाओं के सैन्य संचालन महानिदेशकों (डीजीएमओ) के बीच सीधी बातचीत के बाद बनी थी।
