Operation Sindoor के बाद भारत को मिला इस मुस्लिम देश का जबरदस्त समर्थन, पाकिस्तान की नींद हुई हराम

punjabkesari.in Friday, May 16, 2025 - 09:35 AM (IST)

नेशनल डेस्क। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने गुरुवार को अफगानिस्तान के अपने समकक्ष विदेश मंत्री आमिर खान मुत्तकी से फोन पर बातचीत की। इस दौरान भारत ने अफगानिस्तान की ओर से दोनों देशों के बीच अविश्वास पैदा करने की कोशिशों को मजबूती से खारिज करने का स्वागत किया। सार्वजनिक रूप से स्वीकार की गई यह पहली फोन वार्ता दोनों देशों के बीच बढ़ते संवाद को दर्शाती है।

इस बातचीत में जयशंकर ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले की मुत्तकी द्वारा की गई कड़ी निंदा की सराहना की। उन्होंने पाकिस्तानी मीडिया के एक वर्ग द्वारा फैलाई जा रही उन झूठी खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि अफगानिस्तान ने उनका दृढ़ता से खंडन किया है। दरअसल इन खबरों में बेबुनियाद दावा किया गया था कि भारत ने पहलगाम में 'फॉल्स फ्लैग ऑपरेशन' (जिसमें हमलावर की पहचान छिपाई जाती है) को अंजाम देने के लिए तालिबान को भाड़े पर रखा था।

समावेशी सरकार और आतंकवाद पर ज़ोर

विदेश मंत्री जयशंकर ने अफगान लोगों के साथ भारत की पारंपरिक दोस्ती और उनकी विकास संबंधी जरूरतों के लिए लगातार समर्थन को दोहराया। उन्होंने भविष्य में सहयोग को और बढ़ाने के तरीकों पर भी चर्चा की और इस बातचीत को "सार्थक" बताया। भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को आधिकारिक मान्यता नहीं दी है लेकिन वह काबुल में एक समावेशी सरकार के गठन की वकालत करता रहा है। इसके साथ ही भारत इस बात पर भी लगातार ज़ोर दे रहा है कि अफगानिस्तान की धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए नहीं किया जाना चाहिए।

अफगानिस्तान की ओर से जारी एक बयान में जयशंकर-मुत्तकी की बातचीत को द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने, व्यापार को बढ़ावा देने और राजनयिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर केंद्रित बताया गया। अफगान विदेश मंत्री मुत्तकी ने भारत को एक महत्वपूर्ण क्षेत्रीय देश बताया और दोनों देशों के ऐतिहासिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए इन्हें और मजबूत करने की उम्मीद जताई। उन्होंने संतुलित विदेश नीति के माध्यम से सभी पक्षों के साथ सकारात्मक संबंध बनाए रखने की प्रतिबद्धता भी दोहराई। बातचीत के दौरान मुत्तकी ने अफगान व्यापारियों और मरीजों के लिए भारतीय वीजा को आसान बनाने और भारत में बंद अफगान कैदियों की रिहाई और वापसी का भी अनुरोध किया जिस पर जयशंकर ने सकारात्मक प्रतिक्रिया दी। दोनों नेताओं ने चाबहार बंदरगाह के विकास पर भी ज़ोर दिया।


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Content Editor

Rohini Oberoi

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