शशि थरूर ने डोनाल्ड ट्रंप के दावे को किया खारिज, कहा – भारत को किसी की सलाह की जरूरत नहीं थी, शायद पाकिस्तान को थी

punjabkesari.in Sunday, Jun 29, 2025 - 12:06 AM (IST)

अहमदाबाद: कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने शनिवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को खारिज कर दिया, जिसमें ट्रंप ने कहा था कि उन्होंने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष को खत्म करवाने में अहम भूमिका निभाई थी। थरूर ने साफ कहा कि भारत को युद्ध रोकने के लिए किसी की सलाह या दबाव की जरूरत नहीं थी, लेकिन शायद पाकिस्तान को अमेरिका की सलाह की ज़रूरत पड़ी हो।

क्या कहा थरूर ने?

 

अहमदाबाद में पत्रकारों से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा: “भारत ने पहले दिन से ही यह स्पष्ट कर दिया था कि हम युद्ध नहीं चाहते। हमारी कार्यवाही सिर्फ आतंकवादियों के खिलाफ थी। हमने सिर्फ आतंकी कैंप, ठिकाने और सुविधाओं को निशाना बनाया।”

उन्होंने आगे कहा: “हमारा संदेश था – अगर पाकिस्तान हमला करता है, तो हम जवाब देंगे। अगर वे रुकते हैं, तो हम भी रुक जाएंगे। हमें किसी के कहने की जरूरत नहीं थी।”

ऑपरेशन सिंदूर और भारत की नीति

शशि थरूर ने बताया कि 7 मई को शुरू हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने यह तय किया था कि अगर पाकिस्तान आगे संघर्ष नहीं बढ़ाएगा, तो भारत भी जवाबी कार्रवाई नहीं करेगा। यह ऑपरेशन पाकिस्तान में सक्रिय आतंकी ठिकानों को निशाना बनाने के लिए चलाया गया था।

थरूर ने यह भी याद दिलाया कि भारत सरकार का रुख शुरू से स्पष्ट था — लंबा युद्ध नहीं चाहिए, सिर्फ आतंकी कार्रवाई का जवाब देना था।

ट्रंप के दावे पर प्रतिक्रिया

हाल ही में ट्रंप ने दावा किया था कि उन्होंने ईरान और इज़राइल के बीच युद्ध रोकवाने में भी अहम भूमिका निभाई है। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि जब भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष बढ़ रहा था, तो उन्होंने “न्यूक्लियर युद्ध टालने के लिए व्यापार और कूटनीति के जरिये” पाकिस्तान पर दबाव बनाया और युद्ध रुकवाया।

शशि थरूर ने इस दावे को नकारते हुए कहा: “ट्रंप का क्या रोल था, ये ईरान और इज़राइल खुद बताएं। लेकिन जहां तक भारत-पाकिस्तान का सवाल है, प्रधानमंत्री मोदी ने भी कहा है कि भारत को किसी की जरूरत नहीं थी। शायद पाकिस्तान को अमेरिका की सलाह की जरूरत पड़ी हो। अगर पाकिस्तानी ऐसा सोचते हैं, तो उनके लिए ठीक है।”


क्या था ट्रंप का दावा?

डोनाल्ड ट्रंप कई बार दावा कर चुके हैं कि उनके कार्यकाल में भारत और पाकिस्तान के बीच संभावित परमाणु युद्ध को उन्होंने रोका। उन्होंने कहा था कि व्यापार वार्ता के जरिए उन्होंने पाकिस्तान को समझाया और दोनों देशों के बीच शांति सुनिश्चित की। हालांकि, भारत सरकार और विदेश मंत्रालय ने इन दावों को पहले ही पूरी तरह नकार दिया था।

थरूर की भूमिका

शशि थरूर उस भारतीय प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा रहे हैं जिसे केंद्र सरकार ने अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान के आतंकवादी संबंधों को उजागर करने के लिए अमेरिका भेजा था। उन्होंने बार-बार कहा है कि भारत आतंकवाद के खिलाफ सख्त है, लेकिन युद्ध नहीं चाहता।


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Content Writer

Pardeep

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