''2029-30 तक भारत करेगा 50,000 करोड़ रुपये का रक्षा निर्यात'', IIT कानपुर में बोले राजनाथ सिंह

punjabkesari.in Sunday, Nov 03, 2024 - 01:47 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को कहा कि भारत 2029-30 तक 50,000 करोड़ रुपये से अधिक की रक्षा वस्तुओं का निर्यात करने में सक्षम होगा। उन्होंने यह बयान भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) कानपुर के 65वें स्थापना दिवस समारोह में दिया।

आत्मनिर्भरता और शिक्षा का सहयोग
राजनाथ सिंह ने बताया कि सरकार रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता के लिए शिक्षा क्षेत्र के साथ मिलकर काम करने के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत के सपने को पूरा करने के लिए उच्च स्तरीय प्रौद्योगिकियों का स्वदेशी विकास करें।

तकनीकी विकास और प्रतिस्पर्धा
उन्होंने कहा कि तकनीकी प्रगति में भारत का स्थान महत्वपूर्ण है। राजनाथ सिंह ने तकनीकी विकास के तीन समूहों का जिक्र करते हुए बताया कि भारत तकनीकी प्रगति में शीर्ष स्थान की ओर बढ़ रहा है। उन्होंने आईआईटी कानपुर जैसे संस्थानों को अकादमिक इंजन बताया जो देश को आगे बढ़ाने में मदद कर सकते हैं।

रक्षा निर्यात में वृद्धि
राजनाथ सिंह ने बताया कि पिछले दस वर्षों में रक्षा निर्यात में वृद्धि हुई है। दस साल पहले यह लगभग 600 करोड़ रुपये था, जो अब वित्त वर्ष 2023-24 में 21,000 करोड़ रुपये तक पहुंच गया है। उन्होंने विश्वास जताया कि यह प्रगति जारी रहेगी और 2029-30 तक निर्यात 50,000 करोड़ रुपये तक पहुंचेगा।

आधुनिक तकनीकों की आवश्यकता
रक्षा मंत्री ने कहा कि आधुनिक युद्ध में ड्रोन, साइबर युद्ध, और सटीक निर्देशित मिसाइलों जैसी तकनीकों की भूमिका बढ़ रही है। उन्होंने बताया कि भारत को आत्मनिर्भर बनने के लिए कुछ उच्च-स्तरीय तकनीकों का आयात करना पड़ता है।

नवाचार को प्रोत्साहन
राजनाथ सिंह ने रक्षा क्षेत्र में नवाचार को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा उठाए गए कदमों का जिक्र किया। उन्होंने 'रक्षा उत्कृष्टता के लिए नवाचार' (आईडीईएक्स) पहल के बारे में बताया, जिसके तहत स्टार्ट-अप्स को 1.5 करोड़ रुपये का अनुदान दिया जाता है।

सहयोग और समझौते
आईआईटी कानपुर में स्टार्ट-अप इनक्यूबेशन एंड इनोवेशन सेंटर (एसआईआईसी) द्वारा आयोजित रक्षा अनुसंधान शोकेस का दौरा करते हुए राजनाथ सिंह ने स्टार्ट-अप संस्थापकों और अनुसंधान टीमों से बातचीत की। उन्होंने सैन्य रसद और रक्षा नवाचार में सहयोग के लिए कई समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए। इस प्रकार, रक्षा मंत्री ने देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए सभी हितधारकों को एकजुट होकर काम करने की आवश्यकता पर जोर दिया।


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Content Editor

rajesh kumar

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