India-ChinaTension: तवांग में ITBP ने की ''अद्भुत'' तैयारी, चीन को छोटी सी हिमाकत पड़ेगी बहुत भारी
punjabkesari.in Saturday, Dec 26, 2020 - 05:49 PM (IST)
नेशनल डेस्कः लद्दाख में भारत और चीन के बीच जारी विवाद की वजह से दोनों देशों के बीच अब तक तनाव जारी है। इस तनाव के बीच भारतीय सुरक्षाबल लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक LAC पर कहीं भी चीन को मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार है। एक तरफ जहां उत्तर में लद्दाख के गलवान में भारतीय फौज चीनी PLA पर बुरी तरह पटखनी दे चुकी है, वहीं दूसरी पूर्व में अरुणाचल प्रदेश में कहीं भी ITBP चीन की किसी भी गलत हरकत पर उसे और भी बुरा सबक देने के लिए तैयार बैठी है। तवांग में सीमा पर तैनात ITBP के जवान जोश से लबरेज हैं। ITBP का कहना है कि वो यहां चीन की हर हरकत पर नजर रखे हुए हैं और उसे सबक सिखाने के लिए पूरी तरह तैयार है।
तवांग सेक्टर में LAC पर बनी फॉरवर्ड पोस्टों से चीन की सेना की मौजूदगी देखी जा सकती है। यहां पिछले कुछ सालों में कम समय में फॉरवर्ड पोस्टों पर पहुंचने के लिए तेजी से बुनियादी ढांचा विकसित किया गया है। यहां पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) के सैनिकों की तैयारी के उच्च स्तर को भी देखा जा सकता है। यहां एक फॉरवर्ड पोस्ट पर ITBP की 55वीं बटालियन के कमांडर IB Jha ने बताया, "जब इस तरह की घटनाएं (पूर्वी लद्दाख में चीनी सेना द्वारा घुसपैठ) होती हैं, तो हमें हाई अलर्ट मोड पर रहना होगा ताकि ऐसी अप्रत्याशित घटनाएं न हों और कोई आश्चर्य की बात न हो। यहां ठंड बहुत ज्यादा है जो चीजों को कठिन बना देती है, हमारे जवान बहुत अधिक सतर्क हैं और हर समय सीमा पर नजर रखे हुए हैं।"
आपको बता दें कि ITBP ने पूर्वी लद्दाख और अरुणाचल प्रदेश में LAC पर चीनी सैनिकों के साथ जारी संघर्ष में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शुरुआती हिंसक झड़पों में, ITBP ने पैंगोंग झील, फिंगर क्षेत्र और 14,15, 17 और 17 ए में पैट्रोलिंग पॉइंट्स पर घुसपैठ की कोशिश कर रहे चीनी सैनिकों को कई बार सबक सिखाया। इस दौरान कई बार संख्या में कम होने के बावजूद ITBP के सैनिकों ने मल्लयुद्ध में चीनी सैनिकों की खुब पिटाई की, जिस वजह से न सिर्फ घायल हुए बल्कि पीछे हटने को मजबूर भी हुए।
आपको बता दें कि तवांग सेक्टर एलएसी पर पूर्वोत्तर में सबसे संवेदनशील क्षेत्रों में से एक है। साल 1962 के युद्ध में चीनी भारतीय क्षेत्र में काफी अंदर तक पहुंचने में सफल रहा था। में गहराई से आने में कामयाब रहे थे। हालांकि वर्तमान समय में इस सेक्टर की ससंवेदनशीलता को देखते हुए यहां भारतीय सेना की एक पूरी टुकड़ी तवांग में और इसके आस-पास तैनात है ताकि विपक्षी द्वारा किसी भी दुस्साहस को रोका जा सके।