चीन से बढ़ती नजदीकियों के बीच पीयूष गोयल ने दिया जवाब, कहा - 'भारत की नीति राष्ट्रीय हितों पर आधारित, अमेरिका के दबाव पर नहीं'
punjabkesari.in Tuesday, Aug 26, 2025 - 02:35 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा 50 प्रतिशत टैरिफ लगाने के बाद भारत और चीन के रिश्तों में अचानक तेजी से सुधार होता दिखाई दे रहा है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी भारत के दौरे पर हैं, वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी महीने के अंत में चीन में होने वाले एससीओ समिट में हिस्सा लेने जा रहे हैं। इन घटनाओं के बीच सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह केवल संयोग है या फिर ट्रंप के टैरिफ का प्रभाव। इस पर वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल ने स्पष्ट रूप से अपनी बात रखते हुए कहा कि भारत की नीति किसी दबाव या मजबूरी से तय नहीं होती, बल्कि यह राष्ट्रीय हित और दीर्घकालिक रणनीति पर आधारित होती है।
चीन के साथ धीरे-धीरे एंगेजमेंट बढ़ा
पीयूष गोयल ने ईटी वर्ल्ड लीडर फोरम में बोलते हुए कहा कि चीन के साथ जो हालिया सुधार देखने को मिल रहा है, उसका अमेरिका-भारत व्यापार डील से कोई संबंध नहीं है। उन्होंने कहा, “यह बदलाव मौजूदा परिस्थितियों की वजह से नहीं हुआ है। असली चुनौती गलवान घाटी की घटना के बाद सामने आई थी, जब सीमा से जुड़े अहम समझौते टूट गए थे। उसके बाद से हमने चीन के साथ धीरे-धीरे पुनः संवाद की प्रक्रिया शुरू की, जो किसी भी अमेरिकी डील से जुड़ी नहीं है।”
अमेरिका पर दबाव के लिए चीन से संवाद नहीं
गोयल ने साफ किया कि भारत चीन से जुड़ाव को केवल सीमाई और रणनीतिक संतुलन के नजरिए से देख रहा है, न कि अमेरिका के दबाव या व्यापारिक वार्ता के चलते। उन्होंने कहा कि भारत का रुख स्पष्ट है — हम किसी के प्रभाव में नहीं, बल्कि अपने हितों को ध्यान में रखकर फैसले ले रहे हैं।
भारत-अमेरिका संबंधों पर भरोसा
अमेरिका से व्यापार समझौते को लेकर गोयल ने आश्वासन दिया कि दोनों देशों के बीच संबंध बेहद मजबूत हैं और भविष्य में डील को लेकर सकारात्मक माहौल बन रहा है। उन्होंने कहा, “भारत-अमेरिका संबंध अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। हम खुले दिमाग और सकारात्मक सोच के साथ बातचीत कर रहे हैं। उद्योग जगत भी इस रिश्ते को बहुत अहम मानता है।”
भारत की आर्थिक बुनियाद बेहद मजबूत
वाणिज्य मंत्री ने यह भी बताया कि भारत की आर्थिक स्थिति काफी मजबूत है और यही कारण है कि देश आज दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा, “भारत में असीमित संभावनाएं हैं। हमारी अर्थव्यवस्था में मजबूती और लचीलापन है। दुनिया का हर निवेशक भारत को लेकर आशावान है।”