ट्रंप का भारत को एक और झटका ! चाबहार पोर्ट पर किया बड़ा ऐलान, खुशी से झूमेगा पाकिस्तान
punjabkesari.in Thursday, Feb 06, 2025 - 05:51 PM (IST)
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Tehran: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर अधिकतम दबाव बनाने के लिए चाबहार पोर्ट को प्रतिबंधों में दी गई छूट खत्म करने का निर्देश देकर जहां भारत को नया झटका दिया है वहीं पाकिस्तान को राहत दे दी है। पहले, अमेरिका ने अशरफ गनी सरकार के कार्यकाल के दौरान भारत को अफगानिस्तान तक व्यापारिक पहुंच देने के लिए इस बंदरगाह पर छूट दी थी। भारत ने इस पोर्ट के विकास में करोड़ों डॉलर का निवेश किया था और इसे अंतरराष्ट्रीय उत्तर-दक्षिण परिवहन गलियारे (INSTC) से जोड़ने की योजना बनाई थी।
भारत के लिए झटका, पाकिस्तान को राहत
भारत इस बंदरगाह को पाकिस्तान और चीन के ग्वादर पोर्ट के जवाब के रूप में विकसित कर रहा था। लेकिन ट्रंप प्रशासन द्वारा छूट खत्म करने से भारत की क्षेत्रीय रणनीति पर असर पड़ सकता है । यह फैसला ऐसे समय में आया है जब भारत ने ईरान के साथ 2024 में 10 साल के लिए चाबहार पोर्ट संचालन का समझौता** किया था और $250 मिलियन (25 करोड़ डॉलर) का निवेश किया है।
अमेरिका क्यों बना रहा है दबाव?
अमेरिका ने ईरान के खिलाफ अधिकतम दबाव नीति के तहत यह फैसला लिया है। वाशिंगटन चाहता है कि ईरान परमाणु कार्यक्रम, मिसाइल विकास और कथित आतंकी संगठनों का समर्थन बंद करे। इससे पहले 2018 में ट्रंप प्रशासन ने ही भारत को चाबहार पर छूट दी थी लेकिन अब वही नीति उलट दी गई है। अमेरिका को डर है कि ईरान-रूस-भारत की बढ़ती साझेदारी और चीन की ईरान में बढ़ती उपस्थिति उसके हितों के खिलाफ जा सकती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक ईरान और इज़राइल के बीच बढ़ते तनाव के बीच ईरान परमाणु हथियार विकसित कर सकता है जिससे अमेरिकी चिंताएं बढ़ गई हैं।
भारत के व्यापार और रणनीति पर असर
भारत के लिए चाबहार पोर्ट सिर्फ एक बंदरगाह नहीं, बल्कि एक महत्वपूर्ण व्यापारिक और रणनीतिक केंद्र है। इसके माध्यम से भारत पाकिस्तान को बायपास करके अफगानिस्तान, मध्य एशिया, रूस और यूरोप तक व्यापार करता है। भारत के आर्थिक सर्वेक्षण के अनुसार, चाबहार पोर्ट से मुंबई से यूरेशिया के बीच व्यापार में 43% तेजी आई थी। अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते पहले ही भारत-ईरान व्यापार गिरावट का सामना कर रहा है। ईरान पहले ही भारत के चाबहार पोर्ट प्रोजेक्ट में देरी को लेकर नाराजगी जता चुका है ।
क्या भारत इस फैसले को पलटवा पाएगा ?
भारत ट्रंप प्रशासन के इस फैसले की समीक्षा कर रहा है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान इस मुद्दे को उठाने की संभावना है। इस फैसले से चाबहार पोर्ट के विकास और संचालन पर असर पड़ सकता है, जिससे *भारत की व्यापारिक रणनीति सीमित हो सकती है । वहीं पाकिस्तान और चीन के लिए यह राहत भरी खबर हो सकती है, क्योंकि इससे भारत की क्षेत्रीय पकड़ कमजोर हो सकती है ।