देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करना चाहती हैं भारत-विरोधी ताकतें

punjabkesari.in Monday, Oct 09, 2017 - 09:13 PM (IST)

तमिलनाडुः केन्द्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत-विरोधी ताकतें देश की बढ़ती अर्थव्यवस्था को पचा नहीं पा रही हैं और वे देश की अर्थव्यवस्था तथा सामरिक स्थिति को कमजोर बनाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि कई देशों में आतंकवाद बड़ा खतरा है लेकिन आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने इसे विश्व मंच पर उठाया है और ज्यादातर देशों को इस मुद्दे पर ‘‘एकजुट’’ करने में सक्षम रहे हैं। 

केन्द्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) की पासिंग आऊट परेड के दौरान राजनाथ ने कहा कि वह दिन दूर नहीं जब भारत एक आर्थिक शक्ति बन जाएगा। उन्होंने कहा,‘आज भारत को दुनिया की उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं में शुमार किया जाता है। वह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती (बड़ी) अर्थव्यवस्था के रूप में उभर रहा है। मैं यह कह सकता हूं कि भारत आज विश्व की 10 शीर्ष अर्थव्यवस्थाओं में से एक है।’ 

राजनाथ ने कहा कि दुनिया ने इस तथ्य को पहचानना शुरू कर दिया है कि वह दिन दूर नहीं जब 2030 तक भारत दुनिया की शीर्ष तीन अर्थव्यवस्थाओं में होगा। उन्होंने कहा भारतीय अर्थव्यवस्था का आकार तकरीबन 20 खरब अमरीकी डालर है, जिसके 2030 तक बढ़कर 50 खरब अमरीकी डालर तक पहुंच जाने की उम्मीद है। उन्होंने कहा, ‘भारत विरोधी ताकतों को ये रूझान पसंद नहीं। वे उन संवेदनशील इलाकों में नुकसान करना चाहते हैं जहां से उसकी आॢथक और सामरिक क्षमता को कमजोर किया जा सके।’

आतंकवाद को बड़ा खतरा बताते हुए उन्होंने कहा कि आतंकी संगठन देश को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं। राजनाथ सिंह ने कहा कि अमेरिका में हुए 9/11 हमले और मुंबई में हुए 26/11 हमलों ने आतंकवादी हमलों का ऐसा प्रभाव दिखाया है जो लंबे वक्त तक असर करता है। उन्होंने साइबर हमलों को आतंकवाद का ‘‘नया चेहरा’’ करार दिया। 

उन्होंने कहा कि इसके तहत ‘‘डिजिटल ढांचे’’ को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। राजनाथ सिंह ने कहा कि जिस तरह सीआरपीएफ ने रैपिड एक्शन फोर्स के तौर पर विशेषीकृत इकाई बनाई है, सीआईएसएफ को भी साइबर हमलों जैसी चुनौती का सामना करने के लिए सर्मिपत इकाई तैयार करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अन्य पुलिस बलों को भी ऐसा तंत्र विकसित करने के लिए परामर्श जारी किया है।

गृह मंत्री ने कहा कि मंत्रालय ने हर साल जवानों को वर्दी भत्ते के तौर पर 10,000 रूपए देने को फैसला किया है। इससे तैयार वर्दी में आने वाली फिटिंग की समस्या को दूर किया जा सकेगा। इससे पहले सहायक कमांडेंटों, उप निरीक्षकों और सहायक उप निरीक्षकों समेत 1043 कर्मियों ने पासिंग आउट परेड में हिस्सा लिया और औपचारिक रूप से बल में शामिल हुए।   


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