''राजनीति में कुछ को बार-बार लॉन्च करना पड़ता है'', प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी पर कसा तंज

punjabkesari.in Wednesday, Mar 20, 2024 - 02:51 PM (IST)

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि राजनीति में कुछ को बार-बार लॉन्च करने की जरूरत पड़ती है जबकि स्टार्ट-अप की दुनिया में जब कोई एक असफल होता है तो इस स्थिति में दूसरा रास्ता अख्तियार कर लेता है। मोदी ने यहां स्टार्ट-अप महाकुंभ में किसी का नाम लिए बिना स्टार्ट-अप और राजनीति की तुलना करते हुए कहा, ‘‘स्टार्ट-अप लॉन्च तो बहुत लोग करते हैं, राजनीति में तो ज्यादा... और बार-बार लॉन्च करना पड़ता है। आप में और उनमें फर्क ये है कि आप लोग प्रयोगशील होते हैं, एक अगर लॉन्च नहीं हुआ तो तुरंत दूसरे पर चले जाते हैं।''
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तीसरी बार सत्ता में लौटने का जताया विश्वास 
पीएम मोदी ने लगातार तीसरी बार सत्ता में लौटने और एक अप्रैल, 2024 से शुरू होने वाले वित्तीय वर्ष के लिए पूर्ण बजट पेश करने का विश्वास जताया। उन्होंने कहा कि सामान्य स्थिति में कारोबारी चुनाव संपन्न होने तक बड़े आयोजनों को टाल देते हैं लेकिन आम चुनावों की घोषणा के कुछ दिन बाद तीन दिवसीय महाकुंभ में स्टार्ट-अप उद्यमियों और उस पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़े लोगों का विशाल जमावड़ा आने वाली चीजों का संकेत है। उन्होंने 19 अप्रैल से चार जून तक होने वाले आम चुनावों के बाद भी शासन में बने रहने का विश्वास जताते हुए कहा, ‘‘आप जानते हैं कि अगले पांच साल में क्या होने जा रहा है।''
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यह मानसिकता बदल गई
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2014 में जहां 100 से भी कम स्टार्ट-अप थे, वहीं अब देश में 1.25 लाख पंजीकृत स्टार्ट-अप हैं और 12 लाख युवा उनसे सीधे तौर पर जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘भारत आज दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र है... हमारे पास 100 से अधिक यूनिकॉर्न हैं।'' उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्ट-अप ने 12,000 से अधिक पेटेंट दायर किए हैं लेकिन अभी भी कई ऐसे हैं जो पेटेंट के महत्व को समझ नहीं पाए हैं। मोदी ने तेजी से आगे बढ़ती दुनिया का हवाला देते हुए उद्यमियों और नवोन्मेषकों से पेटेंट के लिए आवेदन करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि एक समय था जब शिक्षा का मतलब नौकरी था और सरकारी नौकरी का मतलब होता था कि वह व्यक्ति जीवन में सफल हो गया है। उन्होंने देश में चल रही स्टार्ट-अप क्रांति का हवाला देते हुए कहा, ‘‘यह मानसिकता बदल गई है।''
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युवाओं ने अब नौकरी देने वाला बनने का विकल्प चुना
उन्होंने कहा कि पहले नवोन्मेषकों के विचार तो होते थे लेकिन फंडिंग के बारे में वह चिंतित रहते थे और साथ ही यह माना जाता था कि पैसे वाले लोग ही व्यवसाय कर सकते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘स्टार्ट-अप (संस्कृति) ने उस मानसिकता और सोच को तोड़ दिया है ... इस तरह क्रांतियां होती हैं ... युवाओं ने नौकरी चाहने वालों की तुलना में नौकरी देने वाला बनने का विकल्प चुना है।'' उन्होंने कहा कि स्टार्ट-अप इंडिया और स्टैंड-अप इंडिया जैसे कार्यक्रमों के समर्थन से देश के युवाओं ने अपनी क्षमता साबित की है। मोदी ने कहा कि उनका प्रयास हमेशा एक क्षेत्र की क्षमता को सामने लाने का रहा है जबकि अतीत में सरकार का दृष्टिकोण पीछे हटने का होता था। उन्होंने कहा, ‘‘आज भारतीय स्टार्ट-अप अंतरिक्ष जैसे मोर्चे पर अच्छा काम कर रहे हैं। पहले से ही, हमारे स्टार्ट-अप इतने कम समय में अंतरिक्ष शटल लॉन्च कर रहे हैं।''


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Content Editor

rajesh kumar

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