मिजोरम में तेज हवाओं, ओलावृष्टि ने हजारों घरों को किया तबाह

punjabkesari.in Monday, May 06, 2024 - 10:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क : मिजोरम के राज्य आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास विभाग के अधिकारियों ने सोमवार को कहा कि एक अप्रैल से राज्य के दूरदराज इलाकों में मानसून पूर्व तूफान, ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण लगभग 1,400 घर नष्ट हो चुके हैं या क्षतिग्रस्त हो गए हैं। अधिकारियों ने कहा कि मिजोरम-म्यांमार-बंगलादेश सीमा पर राज्य के दक्षिणी भाग में स्थित लांगतलाई जिला सर्वाधिक प्रभावित हुआ है, जहां गुरुवार को ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण कम से कम 209 इमारतें और ढांचे तबाह हो गए। तबाह हुए 209 इमारतों और ढ़ाचों में से 62 म्यांमार शरणार्थियों के राहत शिविर हैं। सिर्फ तुइथुम्हनार गांव में ही कम से कम 78 घर क्षतिग्रस्त हुए (18 राहत शिविरों सहित), जबकि चामदूर पी-1 और वावम्बुक-2 में क्रमश: 25 और 24 घर क्षतिग्रस्त हुए।

वाथुआमपुई गांव में बंगलादेशी शरणार्थियों के लगभग 21 अस्थायी घर और हमावंगबू और लुंगहौका गांवों में क्रमश: 12 और 10 घर के साथ-साथ जिले के आठ अन्य गांवों में 41 आवासीय घर ओलावृष्टि और तेज हवाओं के कारण क्षतिग्रस्त हो गए। सोमवार को आइजोल पहुंची एक रिपोटर् के अनुसार, गुरुवार को मणिपुर सीमा पर सैतुअल जिले के उत्तरी खावलेक गांव में ओलावृष्टि और तेज हवा से 90 से अधिक घर क्षतिग्रस्त हो गए। सबसे बुरी तरह प्रभावित जिलों में से एक उत्तरपूर्वी ख्वाज़ावल जिला है, जहां ओलावृष्टि और तेज हवाओं से 128 घर तबाह हो गए।

कम से कम 68 घर क्षतिग्रस्त हो गए, जिसमें सियालहॉक गांव में पांच घर पूरी तरह से नष्ट हो गए और त्लांगपुई गांव में 55 घर क्षतिग्रस्त हो गए। सियालहॉक के ग्राम नेताओं ने कहा कि अनानास और संतरे की खेती के बड़े क्षेत्र तबाह हो गए और गांव, जो राज्य में फलों का प्रमुख उत्पादक रहा है, प्रकृति के रोष के कारण इस वर्ष अनानास और संतरे की फसल में प्रतिकूल प्रभाव देखने का अनुमान है। आइजोल जिले में ओलावृष्टि, तेज हवा और आंधी के कारण एक अप्रैल से कम से कम 40 घर क्षतिग्रस्त हो चुके हैं। राज्य के सभी 11 जिले तेज हवा और ओलावृष्टि के साथ मानसून पूर्व आंधी से प्रभावित हुए हैं।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

News Editor

Parveen Kumar

Recommended News

Related News