कश्मीर में 2010 के बाद सबसे ज्यादा स्थानीय बाशिंदे आतंकी समूहों से जुड़े

punjabkesari.in Monday, Aug 27, 2018 - 01:26 PM (IST)

श्रीनगर : वर्ष 2010 के बाद इस साल सबसे ज्यादा करीब 130 युवाओं के विभिन्न आतंकी संगठनों से जुडऩे के साथ जम्मू कश्मीर में आतंकवाद के मोर्चे पर खतरनाक रूझान उभर रहा है और इनमें से अधिकतर नौजवान अलकायदा से वैचारिक जुड़ाव रखने वाले समूहों से जुड़े हैं। अधिकारियों के अनुसार 31 जुलाई तक 131 युवा विभिन्न आतंकी संगठनों से जुड़े हैं। इसमें सबसे बड़ी संख्या दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले की है, जहां से 35 युवा शामिल हुए हैं। पिछले साल 126 स्थानीय लोग इन गुटों से जुड़े थे ।

अधिकारियों ने बताया कि कई युवा अंसार गजवत-उल-ङ्क्षहद में शामिल हो रहे हैं। यह समूह अलकायदा के समर्थन का दावा करता है और इसका नेतृत्व जाकिर रशीद भट उर्फ जाकिर मूसा करता है। वह पुलवामा जिले के त्राल क्षेत्र के एक गांव का रहने वाला है।   इस समूह की स्वीकार्यता धीरे-धीरे बढ़ रही है क्योंकि मूसा एकमात्र ऐसा आतंकी है जिसने हुॢरयत कांफ्रेंस के अलगाववादी नेताओं का दबदबा खत्म किया है और कश्मीर को राजनीतिक मुद्दा बताने पर सर कलम कर देने की धमकी दी है।     

 

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कश्मीर घाटी में सुरक्षा स्थिति पर नजर रखने वाले अधिकारियों का मानना है कि ‘शरीयत या शहादत’ के मूसा के नारे ने पाकिस्तान के समर्थन वाले वर्षों पुराने नारे की जगह ले ली है। उसने इंजीनियरिंग कॉलेज की पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी। हिज्बुल मुजाहिद्दीन के आतंकी बुरहान वानी की मौत के बाद इस 24 वर्षीय युवक ने युवाओं को आर्किषत किया है। वानी 2016 में मारा गया था। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने कहा कि वह पढ़ाई के साथ खेल में भी अच्छा था और अंतर राज्य कैरम चैंपियनशिप में उसने राज्य का प्रतिनिधित्व किया था। यह बड़ी वजह है कि वह घाटी में कई नौजवानों के लिए नायक की तरह उभरने लगा।   माना जाता है कि वह यमन-अमेरिकी मूल के प्रचारक अनवार अल अवलाकी से प्रभावित है जो सितंबर 2011 में अफगानिस्तान में गठबंधन बल के हमले में मारा गया था। मूसा मुख्य तौर पर अपने संगठन के लिए भर्ती पर फोकस कर रहा है और नौजवानों को हथियार उठाने के लिए उकसा रहा है।    PunjabKesari


अलकायदा की र्भितयों के लिए भी अवलाकी की बड़ी भूमिका रही थी। अधिकारियों ने बताया कि प्रेरित करने वाली उसकी क्षमता के कारण लश्कर-ए-तैयबा जैसा आतंकी संगठन भी तब भौंचक रह गया जब वह अबू दुजाना को अपने समूह में ले आया। अबू दुजाना मारा गया था। जम्मू कश्मीर पुलिस के अनुसार भले ही अंसार गजवत उल ङ्क्षहद का घाटी में बहुत आधार नहीं हो लेकिन गांव और कस्बे में उसकी लोकप्रियता बढ़ती जा रही है। प्रतिबंधित आईएसआईएस से संबद्ध आईएसजेके को लेकर भी युवाओं में आकर्षण था लेकिन इसके प्रमुख दाऊद सोफी के मारे जाने के बाद समूह का कोई नामलेवा नहीं है । सुरक्षा एजेंसियों के अधिकारियों ने कहा कि शोपियां, पुलवामा, अनंतनाग, कुलगाम और अवंतीपुरा जिलों वाले सबसे अशांत दक्षिण कश्मीर में सबसे ज्यादा युवा आतंकवादी संगठनों में शामिल हो रहे हैं। कश्मीर घाटी में इन पांच जिलों से 100 से ज्यादा युवक विभिन्न आतंकी समूह में शामिल हुए हैं। राज्य विधानसभा और संसद में पेश हालिया आंकड़ों के मुताबिक 2010 के बाद इस साल यह आंकड़ा शीर्ष पर है ।   आंकड़े से पता चलता है कि 2010 से 2013 की तुलना में वर्ष 2014 के बाद घाटी में हथियार उठाने वाले नौजवानों की संख्या बढ़ती गयी है। वर्ष 2010 से 2013 तक यह आंकड़ा क्रमश: 54, 23, 21 और छह था। वर्ष 2014 में यह संख्या बढक़र 53 हो गयी और 2015 में 66 तथा 2016 में यह 88 तक चली गयी।  
 
 


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Monika Jamwal

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