18 साल से कम उम्र की पत्नी से किया सेक्स तो...नए कानून के बारे में जानना जरूरी, आप भी पढ़िए
punjabkesari.in Sunday, Aug 13, 2023 - 01:01 PM (IST)

नेशनल डेस्क: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह (Union Home Minister Amit Shah) ने लोकसभा में भारतीय न्याय संहिता बिल (Indian Judicial Code Bill), भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता बिल और भारतीय साक्ष्य बिल पेश किए। ये विधेयक भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया अधिनियम, और भारतीय साक्ष्य अधिनियम की जगह लेंगे। इसी के साथ ही भारतीय दंड संहिता (Indian Penal Code) की धारा 375 में रेप से संबंधित कानून में भी बदलाव होने जा रहा है, दरअसल इसपर हमेशा एक अपवाद रहा है।
इस पर अपवाद रहा है कि अगर पत्नी की उम्र 15 साल से कम नहीं है और पति अपनी पत्नी से संबंध बनाता है तो वह रेप नहीं कहा जाएगा, लेकिन अब इसमें बदलाव किया जा रहा है। अमित शाह ने गुरुवार को लोकसभा में जो बिल रखे हैं उसमें ऊपर वाले नियम में बदलाव किया गया है, 'पत्नी की उम्र अब 18 साल से कम नहीं होनी चाहिए।' इसको अगर सरल शब्दों में समझें तो अब पति अगर अपनी पत्नी से संबंध बनाता है तो उसकी उम्र कम से कम 18 साल अवश्य होनी चाहिए। इस तरह से देखिए तो नए प्रावधान को पॉक्सो एक्ट के बराबरी में लाया गया है। यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण वाले कानून यानि Pocso में 18 साल से कम उम्र की लड़कियों के साथ सभी सेक्सुअल संबंधों को अपराध के दायरे में रखा गया है, भले सहमति से ही सेक्स क्यों न किया गया हो।
18 साल 'लक्ष्मण रेखा'
18 साल से कम उम्र की लड़कियों से बलात्कार के मामले में सजा-ए-मौत निर्धारित की गई है।'' विधेयक में कहा गया कि हत्या के अपराध के लिए मौत की सजा या आजीवन कारावास की सजा होगी। विधेयक के अनुसार, यदि किसी महिला की बलात्कार के बाद मृत्यु हो जाती है या इसके कारण महिला मरणासन्न स्थिति में पहुंच जाती है, तो दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी और इसे आजीवन कारावास तक बढ़ाया जा सकता है। विधेयक के मुताबिक, 12 साल से कम उम्र की लड़की के साथ दुष्कर्म के दोषी को कठोर कारावास की सजा दी जाएगी, जिसकी अवधि 20 वर्ष से कम नहीं होगी और इसे व्यक्ति के शेष जीवन तक कारावास की सजा तक बढ़ाया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट का 2017 का वो फैसला
2017 में सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 375 का जिक्र करते हुए नाबालिग पत्नी की सहमति के बगैर सेक्स को रेप करार दिया था। कोर्ट ने यह भी कहा था कि पत्नी पुलिस से शिकायत कर सकती है। हालांकि तब यह तर्क रखा गया था कि आर्थिक रूप से पिछड़े समाज में अब भी बाल विवाह के मामले सामने आते रहते हैं। अब सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले को कानूनी जामा पहना दिया है।
हालांकि नए बिल में बालिग पत्नी के साथ बिना सहमति सेक्स को अपराध नहीं कहा गया है। भारतीय न्याय संहिता के मुताबिक, 'जो कोई भी किसी बच्चे को खरीदता, हायर करता है या किसी भी तरह से बच्चे को वेश्यावृत्ति या अवैध रूप से संबंध बनाने के लिए हासिल करता है, उसे कम से कम सात साल की सजा होगी जो 14 साल तक बढ़ाई जा सकती है और उसे जुर्माना भी देना होगा।