Edible Oil Price: सस्ता हो गया खाने का तेल! सरकार का बड़ा फैसला, कस्टम ड्यूटी घटाई
punjabkesari.in Saturday, May 31, 2025 - 12:13 PM (IST)

नेशनल डेस्क: बढ़ती महंगाई के बीच खाने के तेल की कीमतों को कम करने के लिए सरकार ने एक अहम फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने कच्चे पाम तेल, सोयाबीन तेल और सूरजमुखी तेल पर लगने वाले आयात शुल्क को आधे से भी ज्यादा घटाकर 20 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया है। यह फैसला वित्त मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी अधिसूचना के तहत लागू किया गया है। इससे बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट आने की उम्मीद है, जो आम उपभोक्ताओं के लिए राहत लेकर आएगा।
कच्चे तेल पर घटा आयात शुल्क, बढ़ेगी घरेलू मांग
भारत खाद्य तेल का लगभग आधा हिस्सा विदेश से आयात करता है, इसलिए इस आयात शुल्क में कमी का असर सीधे तेल की खुदरा कीमतों पर पड़ेगा। सॉल्वेंट एक्सट्रैक्टर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (SEA) के अध्यक्ष संजीव अस्थाना ने इस निर्णय का स्वागत करते हुए कहा कि इससे घरेलू बाजार में तेल सस्ता होगा और तेल रिफाइनिंग इंडस्ट्री को भी मजबूती मिलेगी। SEA के एक अन्य अधिकारी ने बताया कि तीनों कच्चे तेलों पर अब कुल प्रभावी आयात शुल्क करीब 16.5 प्रतिशत रह गया है, जो पहले 27.5 प्रतिशत था।
Custom Duty Reduced on Crude Edible Oils by 10%.@IVPA_India @sop pic.twitter.com/CKKoM3TtSF
— mrituenjay (@MrituenjayZee) May 30, 2025
रिफाइंड तेलों पर राहत नहीं
हालांकि, यह राहत केवल कच्चे तेलों पर दी गई है, रिफाइंड पाम तेल और अन्य रिफाइंड तेलों पर अभी भी 32.5 प्रतिशत आयात शुल्क लागू रहेगा। उद्योग विशेषज्ञों का मानना है कि कच्चे और रिफाइंड तेलों के बीच आयात शुल्क के अंतर को बढ़ाने से घरेलू तेल उद्योग को फायदा होगा और रिफाइंड तेल के आयात में कमी आएगी।
घरेलू तेल उद्योग को प्रोत्साहन और रोजगार के अवसर
भारतीय वनस्पति तेल उत्पादक संघ (IVPA) और SEA जैसे संगठनों ने इस कदम की सराहना की है। उनका कहना है कि यह फैसला लंबे समय से चली आ रही मांग को पूरा करता है और देश के तेल प्रोसेसिंग उद्योग को मजबूती देगा। कच्चे तेल के आयात में वृद्धि से रिफाइनिंग यूनिट्स का काम बढ़ेगा, जिससे रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।