Income Tax Rule: कैश में लेनदेन किया तो लगेगा 100% जुर्माना! जानें ये नियम
punjabkesari.in Sunday, Mar 23, 2025 - 06:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप कैश में बड़ी रकम का लेनदेन करते हैं तो सावधान हो जाइए! आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत, अगर कोई भी व्यक्ति ₹2 लाख या उससे अधिक की नकद राशि स्वीकार करता है, तो उसे 100% जुर्माने का सामना करना पड़ सकता है। मतलब, जितना कैश लिया, उतना ही जुर्माना देना पड़ेगा। आयकर अधिनियम की इस धारा के तहत, किसी भी व्यक्ति को एक दिन में ₹2 लाख या उससे अधिक कैश स्वीकार करना मना है, चाहे वह एक बार में लिया गया हो या किश्तों में। नियम का पालन न करने पर उतनी ही राशि का जुर्माना लगाया जाता है जितनी कैश में ली गई होती है।
कैसे लागू होता है यह नियम?
सीए नितिन कौशिक ने सोशल मीडिया पर इस नियम की व्याख्या करते हुए कुछ महत्वपूर्ण उदाहरण दिए:
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एक दिन में ₹2 लाख से ज्यादा कैश लेना अवैध: यदि किसी व्यक्ति को सुबह ₹1.5 लाख और शाम को ₹1 लाख मिले, तो कुल ₹2.5 लाख कैश लेने पर ₹2.5 लाख का जुर्माना लगेगा।
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भुगतान को दिनों में बांटना भी गलत: अगर किसी ने ₹3 लाख में प्रॉपर्टी बेची और तीन दिनों तक रोज ₹1 लाख कैश लिया, तो भी यह गैरकानूनी होगा और पूरी रकम पर जुर्माना लगेगा।
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शादी या किसी कार्यक्रम में नकद भुगतान: अगर किसी ने सजावट के लिए ₹1 लाख और खानपान के लिए ₹1.5 लाख कैश में भुगतान लिया, तो कुल ₹2.5 लाख पर जुर्माना लगाया जाएगा।
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लंबे समय तक कैश में भुगतान लेना: अगर कोई विक्रेता छह महीने तक हर महीने ₹5 लाख कैश लेता है और कुल ₹30 लाख हो जाता है, तो उस पर भी ₹30 लाख का जुर्माना लगाया जाएगा।
कैसे बच सकते हैं इस जुर्माने से?
अगर आप इस भारी भरकम जुर्माने से बचना चाहते हैं, तो इन बातों का ध्यान रखें:
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₹2 लाख से ज्यादा कैश न लें – चाहे वह अलग-अलग दिनों में हो या किसी भी रूप में।
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बैंकिंग माध्यम अपनाएं – हमेशा NEFT, RTGS, UPI या अन्य डिजिटल माध्यम से ही पैसे का लेनदेन करें।
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बड़े कैश ट्रांजेक्शन से बचें – बिजनेस, प्रॉपर्टी डील या अन्य किसी भी बड़े सौदे में नकद लेने से परहेज करें।
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लेनदेन का रिकॉर्ड रखें – अपने सभी फाइनेंशियल ट्रांजेक्शन का डिजिटल रिकॉर्ड बनाए रखें।
कई लोग अनजाने में इस नियम का उल्लंघन कर बैठते हैं और बाद में भारी जुर्माना भरना पड़ता है। व्यापारियों और ग्राहकों को ध्यान रखना चाहिए कि कैश ट्रांजेक्शन सीमित रखें और डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा दें।