अगर आपके साथ होगा Bank Scam तो बन जाएंगे लखपति! जानें कैसे

punjabkesari.in Tuesday, Feb 18, 2025 - 04:53 PM (IST)

नेशनल डेस्क: न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले ने कई बैंक ग्राहकों के लिए राहत की उम्मीद जगा दी है। घोटाले का खुलासा होने के बाद सरकार बैंक में जमा रकम पर मिलने वाले बीमा कवर को बढ़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। अगर सरकार इस प्रस्ताव को मंजूरी देती है, तो बैंक खाताधारकों के लिए यह एक बड़ी राहत हो सकती है। इस समय, अगर कोई बैंक डूबता या बैंक स्कैम होता है, तो DICGC (Deposit Insurance and Credit Guarantee Corporation) एक्ट के तहत ग्राहक को 5 लाख रुपये तक का बीमा मिलता है, जो उनके खाते में जमा रकम से काफी कम हो सकता है। हालांकि, अब सरकार इसे बढ़ाने पर विचार कर रही है, और इसके लिए अधिकारियों की बैठकें चल रही हैं।

बैंक घोटाला और ग्राहकों की चिंता

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक घोटाले में पिछले कुछ सालों में करीब 122 करोड़ रुपये का गबन हुआ है। रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंक पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं और खाताधारकों को पैसे निकालने से रोक दिया है। यह घोटाला 2020 से 2025 के बीच हुआ था, और इसमें बैंक के जनरल मैनेजर हितेश मेहता की गिरफ्तारी भी हुई है। हालांकि, अभी बैंक ग्राहकों को यह चिंता है कि उनका पैसा वापस मिलेगा या नहीं।

बढ़ सकती है बीमा कवर की लिमिट

इस बीच, वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने संकेत दिया है कि सरकार बैंक जमा पर मिलने वाले बीमा कवर को बढ़ाने पर विचार कर रही है। मौजूदा समय में, जब कोई बैंक डूबता है, तो खाताधारकों को केवल 5 लाख रुपये तक का कवर मिलता है। लेकिन सरकार इसे बढ़ाकर ग्राहकों को बड़ी राहत देने की योजना बना रही है। इस प्रस्ताव पर जल्द ही फैसला लिया जा सकता है और सरकार की मंजूरी मिलने के बाद इस पर अधिसूचना जारी की जा सकती है।

क्या है मौजूदा व्यवस्था?

मौजूदा व्यवस्था के तहत, जब कोई बैंक डूबता है, तो DICGC एक्ट के तहत ग्राहक को सिर्फ 5 लाख रुपये तक की बीमा राशि मिलती है। यह बीमा तब मिलता है जब ग्राहक दावा प्रस्तुत करते हैं। लेकिन जिनके खातों में 5 लाख रुपये से ज्यादा पैसे होते हैं, उन्हें इस बीमा कवर से बहुत कम राहत मिलती है। यदि सरकार बीमा कवर को बढ़ाने का फैसला करती है, तो यह ग्राहकों के लिए बड़ी राहत साबित हो सकती है।

क्या पहले भी बीमा कवर बढ़ाया गया था?

इससे पहले 2020 में DICGC की बीमा लिमिट को बढ़ाया गया था। तब यह लिमिट 1 लाख रुपये से बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर दी गई थी। यह कदम PMC बैंक घोटाले के बाद उठाया गया था। PMC बैंक घोटाले में बैंक ने लगभग 6500 करोड़ रुपये के फर्जी लोन दिए थे, जिसके बाद आरबीआई ने बैंक से पैसे निकालने की लिमिट तय कर दी थी। उसी समय DICGC की बीमा लिमिट को बढ़ाने का फैसला लिया गया था।

 


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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