"सौ करोड़ हिंदू हैं और आधे भी सड़क पर उतर आएं तो दुनिया हिल जाएगी": Advaita Chaitanya Maharaj ने दिया बड़ा बयान
punjabkesari.in Monday, Dec 09, 2024 - 09:32 AM (IST)
नेशनल डेस्क: बांग्लादेश में हिंदू समुदाय पर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ रविवार को नवी मुंबई में हिंदू समाज की तरफ से विरोध-प्रदर्शन आयोजित किया गया। इस प्रदर्शन में हजारों की संख्या में हिंदू समाज के लोग शामिल हुए, जिन्होंने बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके मंदिरों पर हो रहे हमलों की कड़ी निंदा की और इन अत्याचारों को रोकने के लिए भारत सरकार से सख्त कदम उठाने की मांग की।
अद्वैत चैतन्य महाराज का बड़ा बयान
इस विरोध प्रदर्शन में इस्कॉन के प्रमुख अद्वैत चैतन्य महाराज भी उपस्थित थे। उन्होंने इस मौके पर एक बड़ा बयान दिया और कहा कि "आज हिंदू समाज की सबसे बड़ी कमजोरी सहिष्णुता बन चुकी है। बांग्लादेश, जिस देश के लिए कभी हिंदुओं ने संघर्ष किया था, आज वहीं पर हिंदू समाज पर अत्याचार हो रहे हैं। यह समय आ गया है कि सभी हिंदू एकजुट होकर इन अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठाएं।"
चैतन्य महाराज ने आगे कहा, "भारत में करीब सौ करोड़ हिंदू हैं, और यदि इनमें से आधे भी सड़क पर उतर आएं तो पूरी दुनिया को हिंदू समाज की ताकत का एहसास हो जाएगा।" उनका यह बयान हिंदू समाज की एकजुटता और उसकी ताकत को प्रदर्शित करने की दिशा में था, जो किसी भी परिस्थिति में अपने अधिकारों और सम्मान के लिए खड़ा हो सकता है।
स्वामी दीपांकर महाराज का संदेश
इस प्रदर्शन के दौरान आध्यात्मिक गुरु स्वामी दीपांकर महाराज ने भी अपने विचार व्यक्त किए। उन्होंने कहा, "जब हमें एक साथ खड़ा होने का समय मिले और फिर भी हम अलग-अलग हो जाएं, तो यह समझ लेना चाहिए कि हमारा धर्म संकट में है।" स्वामी दीपांकर का संदेश स्पष्ट था कि हिंदू समाज को इस समय अपनी एकता का परिचय देना होगा और बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराना होगा।
बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमले
नवी मुंबई और ठाणे में आयोजित विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने बांग्लादेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर हिंदुओं के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की कड़ी निंदा की और बांग्लादेश में हिंदू समुदाय के खिलाफ बढ़ते हमलों और मंदिरों पर हमलों की रोकथाम के लिए भारतीय सरकार से ठोस कदम उठाने की अपील की। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि यदि बांग्लादेश सरकार ने जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया, तो हिंदू समाज को और भी बड़े आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ेगा।
सख्त कदम उठाने की मांग
प्रदर्शनकारियों ने भारतीय सरकार से मांग की कि वह बांग्लादेश में हो रहे हिंदू विरोधी हमलों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए और बांग्लादेश सरकार को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर जिम्मेदार ठहराए। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि बांग्लादेश में हिंदू धर्म के अनुयायियों और उनके धार्मिक स्थलों को सुरक्षा प्रदान करना बांग्लादेश सरकार की प्राथमिक जिम्मेदारी है। साथ ही, उन्होंने हिंदू समुदाय के खिलाफ हिंसा और उत्पीड़न के मामलों में त्वरित न्याय की मांग की।
पुलिस सुरक्षा के बीच शांति पूर्ण विरोध प्रदर्शन
ठाणे और नवी मुंबई के विभिन्न स्थानों पर पुलिस सुरक्षा के बीच कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन आयोजित किए गए। इस दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। विशेषकर ठाणे शहर में आयोजित मौन मोर्चे में सैकड़ों लोग शामिल हुए। प्रदर्शनकारियों ने शांति और संयम से विरोध करते हुए बांग्लादेश में हो रहे अत्याचारों के खिलाफ अपनी आवाज उठाई।
समाज का एकजुट होना जरूरी
इन प्रदर्शनों में भाग लेने वाले लोगों ने यह संदेश दिया कि हिंदू समाज को अपने अधिकारों की रक्षा के लिए एकजुट होने की जरूरत है। न केवल भारत में, बल्कि विश्वभर में हिंदू समुदाय को अपनी आवाज बुलंद करने की आवश्यकता है, ताकि बांग्लादेश जैसे देशों में उनके खिलाफ हो रहे अत्याचारों को रोका जा सके। प्रदर्शनकारियों ने यह भी कहा कि अगर हिंदू समाज एकजुट हो जाए तो उसे किसी भी देश में दबाया नहीं जा सकता।नवी मुंबई और ठाणे में आयोजित ये विरोध प्रदर्शन बांग्लादेश में हिंदुओं और उनके धार्मिक स्थलों पर हो रहे हमलों के खिलाफ हिंदू समाज के गुस्से और आक्रोश को दर्शाते हैं। अद्वैत चैतन्य महाराज और स्वामी दीपांकर महाराज जैसे प्रमुख धार्मिक नेताओं ने यह स्पष्ट किया कि हिंदू समाज को अब एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए आवाज उठानी होगी। साथ ही, प्रदर्शनकारियों ने भारत सरकार से जल्द और सख्त कार्रवाई की मांग की है, ताकि बांग्लादेश में हिंदू समाज पर हो रहे अत्याचारों पर रोक लगाई जा सके।