आइसक्रीम में डिटर्जेंट और कोल्ड ड्रिंक में तेजाब, बच्चों की सेहत को खतरा

punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 08:08 PM (IST)

नेशनल डेस्क: गर्मी में राहत देने वाले ठंडे पेय और मिठाइयाँ अब सेहत के लिए खतरा बन चुकी हैं। कर्नाटक में खाद्य सुरक्षा विभाग की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। कई दुकानों और फैक्ट्रियों में मिलने वाली आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक में जहरीले पदार्थ मिलाए जा रहे हैं। कहीं आइसक्रीम में डिटर्जेंट और यूरिया मिलाया जा रहा है तो कहीं कोल्ड ड्रिंक में तेजाब जैसे खतरनाक रसायन पाए गए हैं। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि ये उत्पाद बच्चों के बीच सबसे ज़्यादा लोकप्रिय हैं। ऐसे में ये खुलासे हर माता-पिता के लिए एक गंभीर चेतावनी हैं। खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा किए गए निरीक्षण में खुलासा हुआ है कि कर्नाटक राज्य के कई इलाकों में बिकने वाली आइसक्रीम, आइस कैंडी और कोल्ड ड्रिंक सेहत के लिए ज़हर साबित हो सकती हैं।

220 दुकानों में छापेमारी, 97 को मिला नोटिस

राज्यभर में गर्मी के मौसम में जैसे ही ठंडी चीज़ों की बिक्री बढ़ी, वैसे ही खाद्य सुरक्षा विभाग ने 220 दुकानों और निर्माण इकाइयों पर सख्त जांच अभियान चलाया। इस जांच में 97 दुकानों को अस्वच्छ माहौल, खराब क्वालिटी और सेहत के लिए खतरनाक सामग्री के इस्तेमाल के कारण औपचारिक नोटिस जारी किए गए। यानि हर दो में से एक दुकान लोगों की सेहत से खिलवाड़ कर रही थी।

डिटर्जेंट और यूरिया से बनी आइसक्रीम!

जांच में सबसे चौंकाने वाली बात यह रही कि कुछ दुकानों और स्थानीय इकाइयों में आइसक्रीम बनाने के लिए डिटर्जेंट पाउडर, यूरिया और स्टार्च से तैयार किया गया सिंथेटिक दूध इस्तेमाल किया जा रहा था। यह न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि सीधे तौर पर बच्चों और बुजुर्गों की सेहत पर बुरा असर डाल सकता है।

आइस कैंडी में सैकरीन, कोल्ड ड्रिंक में हड्डियों को गलाने वाला केमिकल

कुछ आइस कैंडी में सैकरीन जैसे हानिकारक कृत्रिम मीठे पदार्थ का इस्तेमाल पाया गया, जो अधिक मात्रा में शरीर के अंगों पर गंभीर असर डाल सकता है। वहीं कोल्ड ड्रिंक में फॉस्फोरिक एसिड जैसे रसायन का इस्तेमाल भी सामने आया, जो हड्डियों को कमजोर करने के लिए जाना जाता है।

गंदा पानी और तेज़ खुशबू वाले एजेंट भी दोषी

जांच में यह भी पाया गया कि कई जगहों पर गंदे और दूषित पानी का इस्तेमाल किया जा रहा था। इसके साथ ही अत्यधिक तेज़ सुगंध और स्वाद वाले एजेंट भी मिलाए जा रहे थे, ताकि उत्पाद स्वादिष्ट लगे लेकिन ये शरीर के लिए धीमा ज़हर साबित हो सकते हैं।

बच्चों की सेहत पर सीधा असर, विशेषज्ञ भी चिंतित

चूंकि ये उत्पाद सबसे ज्यादा बच्चों द्वारा खरीदे और खाए जाते हैं, इसलिए विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि यह स्थिति बेहद गंभीर है। बच्चों की बढ़ती बीमारियों और एलर्जी का एक कारण ऐसे मिलावटी उत्पाद भी हो सकते हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञों का कहना है कि बच्चों की प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होती है, ऐसे में ऐसे केमिकल उनका जीवन लंबी बीमारी की ओर ढकेल सकते हैं।

क्या किया सरकार ने?

सरकारी अधिकारियों ने जिन इकाइयों को नोटिस भेजा है, उन्हें या तो उत्पादन बंद करने या मानकों के अनुसार सुधार लाने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि यह कार्रवाई नाकाफी है और समय रहते कड़ी सज़ा और क़ानूनी कार्रवाई की जरूरत है ताकि दूसरों को भी सख्त संदेश दिया जा सके।


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Content Editor

Ashutosh Chaubey

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