बिलावल भुट्टो का पाकिस्तान को लेकर बड़ा कबूलनामा- ''मैं खुद आतंकवाद का भुक्तभोगी हूं...''
punjabkesari.in Friday, Jul 11, 2025 - 12:11 PM (IST)

नेशनल डेस्क: पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के चेयरमैन और पूर्व विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एक बड़ा बयान देते हुए स्वीकार किया है कि पाकिस्तान की धरती से जिहाद छेड़ा गया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि वह अतीत से भागना नहीं चाहते और इसके लिए पाकिस्तान के पूर्व तानाशाहों को जिम्मेदार ठहराया। बिलावल के इस कबूलनामे को पाकिस्तान की आतंकवाद नीति पर एक महत्वपूर्ण बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है।
हाफिज सईद और मसूद अजहर पर नरम पड़े बिलावल?
पिछले हफ्ते एक पाकिस्तानी टीवी चैनल से बातचीत में बिलावल भुट्टो ने कहा था कि पाकिस्तान को लश्कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद और जैश-ए-मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर जैसे "परेशानी पैदा करने वाले व्यक्तियों" को भारत को सौंपने में कोई आपत्ति नहीं होगी, बशर्ते नई दिल्ली इस प्रक्रिया में सहयोग करने की इच्छा दिखाए। एक अन्य इंटरव्यू में उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि पाकिस्तान ऐसे समूहों (जैसे जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा) को न केवल पाकिस्तान के बाहर बल्कि पाकिस्तान के भीतर भी आतंकवादी हमले करने की अनुमति नहीं देता।
पहलगाम हमले को बताया आतंकी हमला-
बिलावल भुट्टो ने पाकिस्तान को आतंकवाद का भुक्तभोगी बताया और कहा कि उनके देश ने कुल मिलाकर 92,000 लोगों की जान गंवाई है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "मैं खुद आतंकवाद का भुक्तभोगी हूं।" उन्होंने हाल ही में हुए पहलगाम हमले को एक आतंकी हमला करार दिया और कहा कि वह इस हमले के पीड़ितों का दर्द समझते हैं और उस दर्द को भी जिससे उनके परिवार वाले गुजर रहे हैं। यह बयान भारत के लिए एक सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।
जिहादीकरण के लिए जिया-उल-हक को ठहराया जिम्मेदार
जब इंटरव्यू के दौरान करण थापर ने परवेज मुशर्रफ के इस कबूलनामे का जिक्र किया कि पाकिस्तान ने आतंकियों को समर्थन दिया और उन्हें कश्मीर में लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया, तो बिलावल भुट्टो ने सीधे टिप्पणी करने से परहेज किया। उन्होंने कहा कि मुशर्रफ के विचारों पर उन्हें कुछ कहने की जरूरत नहीं है।
उन्होंने स्वीकार किया कि शीत युद्ध के बाद इस क्षेत्र की नीतियां ऐसी हो गई थीं कि लश्कर-ए-तैयबा जैसे संगठनों को आतंकी संगठन नहीं माना जाता था। उन्होंने कहा, "9/11 से पहले इन ग्रुप के लोगों को आजादी के लड़ाके कहा जाता था।" बिलावल ने बताया कि पाकिस्तान सरकार ने तब अफगानिस्तान के अंदर लड़ने के लिए ऐसे संगठनों का समर्थन किया था, लेकिन वह और उनकी मां बेनजीर भुट्टो हमेशा इसके खिलाफ थीं।
अपने पिता आसिफ अली जरदारी के उस बयान पर जिसमें उन्होंने कहा था कि "आज के आतंकी गुजरे कल के हीरो थे", बिलावल ने कहा, "जो अतीत है हम उससे तो भाग नहीं रहे, लेकिन हमें अतीत में उलझकर वास्तविकता को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।" उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि पाकिस्तान ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय और तानाशाह जनरल जिया-उल-हक के साथ मिलकर पाकिस्तान का 'जिहादीफिकेशन' करने की योजना बनाई ताकि वे अफगानिस्तान के संदर्भ में उनकी लड़ाई लड़ सकें। बिलावल ने कहा कि ये सभी अलकायदा जैसे आतंकी संगठन अफगानिस्तान जिहाद से जुड़े थे और जब वह खत्म हुआ तो कुछ समूहों ने कश्मीर में जिहाद छेड़ना शुरू कर दिया।
हाफिज सईद की सजा पर पाकिस्तान का बचाव
लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक हाफिज सईद के मामले पर बिलावल भुट्टो ने कहा कि पाकिस्तान ने अप्रैल 2022 में उसे आतंकवाद की फाइनेंसिंग के लिए 31 साल की जेल की सजा सुनाई है। मुंबई आतंकी हमले के मामले में उन्होंने भारत पर ही मुकदमे में शिरकत करने और बयान दर्ज करने के लिए जरूरी गवाहों को पेश करने से इनकार करने का आरोप लगाया।