cervical cancer से बचा सकता है HPV वैक्सीन

punjabkesari.in Monday, Dec 30, 2019 - 07:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क (सोमनाथ): हर साल भारत में करीब 1,22,800 के करीब महिलाओं को बच्चेदानी के मुंह का कैंसर(cervical cancer/Cervical carcinoma) डायगनोज होता है और इनमें से 67,400 से ज्यादा महिलाओं की इलाज के अभाव में मौत हो जाती है। ग्रामीण क्षेत्रों में तो स्थिति इससे भी बदतर है। वहीं हर साल दुनिया भर में सर्वाइकल कैंसर के 5 लाख से ज्यादा मामले सामने आते हैं। कैंसर विशेषज्ञों की मानें तो सर्वाइकल कैंसर से बचा जा सकता है यदि किशोर अवस्था 5 से 15 साल की उम्र के बीच ह्यूमनपैमिलोना वायरस वैक्सीन लगाया जाए। 

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जागरूकता का अभाव या लापरवाही कारण

अक्सर अभिभावक जागरूकता के अभाव में या फिर कुछ केसों में लापरवाही के चलते लोग अपने बच्चों को वैक्सीन पूरे नहीं लगाते। बहुत से अभिभावक तो ऐसे भी होते हैं जो 9 महीने के बाद बच्चों को इंजैक्शन ही नहीं लगवाते। हालांकि सिविल अस्पतालों और डिस्पैंसरियों में वैक्सीन मुफ्त में लगाई जाती हैं मगर फिर भी कुछ अभिभावक लापरवाही बरत जाते हैं। दूसरी तरफ प्राइवेट अस्पतालों में वैक्सीन महंगे लगने के कारण बच्चों को पूरे इंजैक्शन ही नहीं लगवाए जाते।

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45 साल तक महिलाएं लगवा सकती हैं यह वैक्सीन

कैंसर विशेषज्ञों के मुताबिक वैसे तो यह वैक्सीन 5 से 15 साल की लड़कियों को लगाई जाती है मगर 45 साल तक की उम्र में महिलाएं यह वैक्सीन लगवा सकती हैं। इसमें सफलता की दर 50-50 प्रतिशत है। जितना संभव हो महिलाओं को यह इंजैक्शन लगवा लेना चाहिए। 

cervical cancer के कारण
कैंसर विशेषज्ञों के मुताबिक अन्य कारणों में एक कारण ह्यूमन पैपिलोना वायरस इंफैक्शन को सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है। इसके अलावा बहुत ज्यादा सैक्स, लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का सेवन और छोटी उम्र में शारीरिक संबंध कायम होना भी एक कारण है।
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Pap smear and HPV-DNA टैस्ट
सर्वाइकल कैंसर का पता Pap smear and HPV-DNA टैस्ट के द्वारा लगाया जा सकता है। यह टैस्ट 21 से 65 साल की उम्र के बीच करवाए जा सकते हैं। इसके कैंसर किस स्टेज में इसका पता एक्स-रे, एमआरआई, सीटी और पैट स्कैन(PET scan) से लगाया जा सकता है।


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shukdev

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