मालदीव ने भारत के खिलाफ उठाया बड़ा कदम, तुर्की से किया हथियारों का नया सौदा
punjabkesari.in Sunday, Nov 02, 2025 - 04:46 PM (IST)
International Desk: मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज्जू ने एक बार फिर ऐसा कदम उठाया है जिससे भारत की रणनीतिक चिंताएं बढ़ गई हैं। तुर्की से दो नई खेपों में सैन्य ड्रोन खरीदने के फैसले ने मालदीव के रुख को लेकर नई बहस छेड़ दी है। मुइज्जू के कार्यकाल की शुरुआत से ही भारत के साथ उनके संबंध तनावपूर्ण बने हुए हैं, और यह नया सौदा इस तनाव को और गहरा सकता है। मालदीव की स्थानीय मीडिया के अनुसार, राष्ट्रपति मुइज्जू की सरकार ने हाल ही में तुर्की से तीन “बायरकटार टीबी2” ड्रोन की दो खेपें आयात की हैं। बताया गया है कि ये खेपें मालदीव के दक्षिणी हिस्से में स्थित गण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर तीन दिनों के भीतर उतारी गईं। यह वही स्थान है, जो कभी ब्रिटेन की रॉयल एयर फोर्स का बेस हुआ करता था।
सूत्रों के मुताबिक, मालदीवियन नेशनल डिफेंस फोर्स (MNDF) अब गण द्वीप पर एक नया ड्रोन बेस स्थापित कर रही है, जहां इन तुर्की ड्रोन का परीक्षण शुरू हो चुका है। हालांकि सरकार ने सौदे की लागत सार्वजनिक नहीं की, लेकिन स्थानीय अखबार अधाधु ने अनुमान लगाया है कि इसकी कीमत करीब 3.7 करोड़ डॉलर है। विपक्ष का दावा है कि वास्तविक लागत लगभग 9 करोड़ डॉलर तक पहुंच सकती है।मालदीव की कमजोर आर्थिक स्थिति के बावजूद इतना बड़ा रक्षा सौदा विपक्ष और विशेषज्ञों दोनों को चिंतित कर रहा है। विपक्षी दलों ने सरकार से सवाल किया है कि जब देश की अर्थव्यवस्था डगमगा रही है, तब इतने महंगे हथियारों पर निवेश क्यों किया जा रहा है।
भारत पहले से ही मालदीव के चीन और पाकिस्तान के साथ बढ़ते निकट संबंधों को लेकर सतर्क है। अब तुर्की के साथ यह नया सैन्य सहयोग भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए नई चुनौती बन सकता है।रक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि चीन, पाकिस्तान और तुर्की हिंद महासागर के पश्चिमी हिस्से में “स्ट्रैटेजिक बैलेंस” बदलने की कोशिश कर रहे हैं। भारत के पास ऐसे में अपने पड़ोस की निगरानी को और सख्त करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। कई विश्लेषकों का मानना है कि तुर्की से मिसाइल-सक्षम नौसैनिक पोत और ड्रोन लेने की मालदीव की योजना यह संकेत देती है कि मुइज्जू सरकार किसी बड़ी रणनीतिक नीति पर काम कर रही है जो भारत के हितों के प्रतिकूल हो सकती है।
