सरकार द्वारा डेटा संग्रहण स्वेच्छा से जानकारियां देने से अलग कैसे? सुप्रीम कोर्ट

punjabkesari.in Thursday, Feb 01, 2018 - 11:15 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय ने शुक्रवार को पूछा कि आधार योजना के तहत सरकार द्वारा डेटा एकत्रित करना लोगों द्वारा बीमा, बिल और कार की किस्त के भुगतान के लिए स्वेच्छा से जानकारियां उपलब्ध कराने से कैसे अलग है। प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने यह टिप्पणी की। 

यह पीठ आधार योजना और इसके 2016 के कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। पीठ ने कहा कि मेरा बैंक मेरे सारे लेनदेन के लिए केन्द्रीय संग्रह का काम करता है। हम अपनी पहचान का आत्मसमर्पण करने की दुनिया में निरंतर प्रवेश कर रहे हैं। यह पसंद हो सकती है लेकिन यह फिर भी केन्द्रीय डेटाबेस है। अगर हम अपनी पहचान का आत्मसमर्पण करने के इच्छुक हैं तो क्या यह तथ्य कोई अंतर पैदा करता है कि सरकार सूचना एकत्रित कर रही है। 


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