SIP को भूल जाइए, एक बार निवेश कीजिए और हर महीने पाइए धांसू फंड!
punjabkesari.in Thursday, Apr 17, 2025 - 07:43 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप भी चाहते हैं कि आपकी जेब हर महीने भरी रहे और आपको बार-बार पैसे लगाने की जरूरत ना पड़े, तो सिस्टमैटिक विड्रॉल प्लान यानी SWP आपके लिए बेहतरीन विकल्प हो सकता है। ये प्लान खासकर उन लोगों के लिए फायदेमंद है जो रिटायरमेंट के बाद रेगुलर इनकम की तलाश में रहते हैं या फिर अपनी सेविंग्स से फिक्स्ड इनकम चाहते हैं।
क्या है SWP और कैसे करता है काम?
SWP यानी Systematic Withdrawal Plan म्यूचुअल फंड में उपलब्ध एक सुविधा है। इसके तहत आप अपने निवेश से हर महीने, तिमाही या सालाना एक तय राशि निकाल सकते हैं। यानी आपने एक बार निवेश किया और उसके बाद आपके बैंक अकाउंट में हर महीने एक निश्चित अमाउंट आना शुरू हो जाएगा। इसमें यूनिट्स बेचकर पैसा निवेशक को दिया जाता है। आप चाहें तो हर महीने एक फिक्स अमाउंट ले सकते हैं या सिर्फ कैपिटल गेन को ही निकाल सकते हैं।
SWP की शुरुआत कब और कैसे?
इसकी शुरुआत बेहद आसान है। जब आप म्यूचुअल फंड स्कीम में निवेश करते हैं उसी समय या बाद में भी आप SWP शुरू कर सकते हैं। इसके लिए बस आपको फोलियो नंबर, निकासी की फ्रीक्वेंसी (जैसे मंथली), पहली निकासी की तारीख और बैंक अकाउंट डिटेल्स बतानी होती है। इसके लिए एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनी को एक इंस्ट्रक्शन स्लिप भरनी होती है। उसके बाद हर महीने बिना किसी झंझट के पैसे आपके अकाउंट में आ जाएंगे।
SIP और SWP में क्या है फर्क?
जहां SIP (Systematic Investment Plan) में आप हर महीने पैसे निवेश करते हैं वहीं SWP में आप हर महीने पैसे निकालते हैं।
SIP में पैसा आपके बैंक से म्यूचुअल फंड में जाता है और SWP में म्यूचुअल फंड से आपके बैंक में आता है।
SIP भविष्य के लिए सेविंग्स है और SWP वर्तमान में इनकम का जरिया बनता है।
कौन-कौन कर सकते हैं SWP का इस्तेमाल?
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SWP कब होता है फायदेमंद?
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जब आपको हर महीने निश्चित इनकम चाहिए
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जब आप बिना पूंजी को पूरी तरह भुनाए उससे कुछ हिस्सा रेगुलर रूप से पाना चाहते हैं
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जब आप रिटायरमेंट प्लान बना रहे हों
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जब आप टैक्स की बेहतर प्लानिंग करना चाहते हों
इक्विटी या डेट फंड? कहां से करें SWP?
विशेषज्ञों की मानें तो SWP के लिए डेट फंड या लिक्विड फंड ज्यादा अच्छे होते हैं।
इक्विटी फंड से SWP की सलाह नहीं दी जाती क्योंकि बाजार गिरने पर ज्यादा यूनिट्स बेचनी पड़ती हैं जिससे आपकी पूंजी जल्दी खत्म हो सकती है।
टैक्स प्लानिंग का रखें ध्यान
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इक्विटी फंड में 1 साल से पहले निकासी पर शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन (STCG) लगता है
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डेट फंड में 3 साल से कम पर STCG लगता है
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एक साल में इक्विटी फंड से 1 लाख से ज्यादा कमाई पर लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन (LTCG) टैक्स लगेगा
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हर बार की निकासी रीडेम्पशन मानी जाती है और उस पर टैक्स देना होगा
इसलिए SWP शुरू करने से पहले टैक्स कंसल्टेंट की राय जरूर लें।
SWP से रेगुलर कमाई की एक झलक
मान लीजिए आपने किसी डेट फंड में ₹10 लाख का निवेश किया है। इस पर सालाना 8% रिटर्न मिल रहा है और आप हर साल 10% यानी ₹1 लाख निकालते हैं। तो कुछ सालों तक तो आप रिटर्न से ही पैसा निकालेंगे, लेकिन बाद में आपको अपनी पूंजी भी खर्च करनी पड़ेगी। इसलिए योजना बनाकर निवेश करें।
SWP के फायदे
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रेगुलर इनकम का स्रोत
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रिटायरमेंट प्लानिंग के लिए शानदार विकल्प
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बिना लॉक-इन पीरियड के निवेश
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टैक्स की बचत की संभावनाएं
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