''आपके हक हिंदुओं के बराबर'', CAA पर गृह मंत्रालय का मुस्लिम समाज को संदेश

punjabkesari.in Tuesday, Mar 12, 2024 - 10:04 PM (IST)

नेशनल डेस्कः गृह मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि नागरिकता (संशोधन) कानून (सीएए) पर भारतीय मुसलमानों को किसी तरह की चिंता करने की जरूरत नहीं है क्योंकि इस कानून में उनकी नागरिकता को प्रभावित करने वाला कोई प्रावधान नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि नागरिकता कानून का भारतीय मुसलमानों से कोई लेना-देना नहीं है जिनके पास अपने समकक्ष हिंदू भारतीय नागरिकों के समान अधिकार हैं। मंत्रालय ने सीएए के संबंध में मुसलमानों और छात्रों के एक वर्ग की आशंका को दूर करने की कोशिश करते हुए यह स्पष्ट कर दिया कि ‘‘इस कानून के बाद किसी भी भारतीय नागरिक को अपनी नागरिकता साबित करने के लिए कोई दस्तावेज पेश करने के लिए नहीं कहा जाएगा।''

केंद्र ने 31 दिसंबर, 2014 से पहले भारत आए पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के बिना दस्तावेज वाले गैर-मुस्लिम प्रवासियों के लिए तेजी से नागरिकता प्रदान करने के वास्ते नागरिकता (संशोधन) कानून को सोमवार को अधिसूचित किया। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘‘उन तीन मुस्लिम देशों में अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों के कारण पूरी दुनिया में इस्लाम की छवि बुरी तरह खराब हुई है। हालांकि, इस्लाम एक शांतिपूर्ण धर्म होने के नाते, कभी भी धार्मिक आधार पर घृणा, हिंसा, उत्पीड़न को बढ़ावा नहीं देता है।''

बयान में कहा गया कि यह कानून अत्याचार के नाम पर इस्लाम की छवि खराब होने से बचाता है। कानून की आवश्यकता बताते हुए मंत्रालय ने कहा कि भारत का अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ प्रवासियों को इन देशों में वापस भेजने के लिए कोई समझौता नहीं है। बयान में कहा गया, ‘‘यह नागरिकता कानून अवैध प्रवासियों के निर्वासन से संबंधित नहीं है। इसलिए मुसलमानों और छात्रों सहित लोगों के एक वर्ग की चिंता अनुचित है कि सीएए मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ है।''

मंत्रालय ने कहा कि नागरिकता अधिनियम की धारा 6, जो प्राकृतिक आधार पर नागरिकता से संबंधित है, के तहत दुनिया में कहीं से भी मुसलमानों के लिए भारतीय नागरिकता प्राप्त करने पर कोई रोक नहीं है। बयान में कहा गया कि अन्य धर्मों वाले भारतीय नागरिकों की तरह भारतीय मुस्लिमों के लिए आजादी के बाद से उनके अधिकारों की स्वतंत्रता और अवसर को कम किए बिना, सीएए ने 31 दिसंबर, 2014 को या उससे पहले भारत आने वाले लोगों के उत्पीड़न की पीड़ा को कम करने तथा उनके प्रति उदार व्यवहार दिखाने के उद्देश्य से नागरिकता के लिए आवेदन की योग्यता अवधि को 11 से कम कर पांच साल कर दिया है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Recommended News

Related News