Home Loan vs Investment: ब्याज दर 9% से ऊपर है तो रुकिए! जानिए कौन-सा फैसला देगा ज्यादा फायदा?
punjabkesari.in Sunday, Oct 26, 2025 - 08:57 AM (IST)
नेशनल डेस्क। हर घर मालिक के मन में यह सवाल ज़रूर आता है क्या होम लोन (Home Loan) को उसकी अवधि से पहले चुकाना (Prepayment) एक समझदारी भरा फैसला है या उस अतिरिक्त पैसे को निवेश (Investment) करके अधिक रिटर्न कमाना चाहिए? वित्तीय विशेषज्ञों का कहना है कि इसका कोई तय जवाब नहीं है। सही फैसला आपकी जोखिम लेने की क्षमता, लोन पर ब्याज दर और आपके दीर्घकालिक वित्तीय लक्ष्यों पर निर्भर करता है। आइए इस दुविधा को आसान बनाते हैं और समझते हैं कि कब कौन सा विकल्प आपके लिए सबसे अधिक फायदेमंद हो सकता है।
कब होम लोन जल्दी चुकाना बेहतर है?
अगर आपके होम लोन की ब्याज दर 9% या उससे ज्यादा है तो इसे जल्दी चुकाना समझदारी भरा कदम हो सकता है। ऐसा करने से आप ब्याज में काफी बचत कर सकते हैं जोकि आम फिक्स्ड डिपॉजिट या सेफ इन्वेस्टमेंट से ज्यादा रिटर्न दे सकता है।

इसके साथ ही मेंटल पीस भी बड़ा फैक्टर है। जब घर पूरी तरह आपका हो जाता है तो हर महीने EMI का दबाव नहीं रहता और वित्तीय स्वतंत्रता का एहसास होता है। रिटायरमेंट के करीब पहुंच रहे लोगों या जिनको कर्ज रखना पसंद नहीं उनके लिए यह कदम सबसे सही माना जाता है।

कब निवेश करना ज्यादा फायदेमंद है?
अगर आपका होम लोन 7% या उससे कम ब्याज दर पर चल रहा है और आप थोड़ा रिस्क लेने में सहज हैं तो इन्वेस्टमेंट ज्यादा मुनाफा दे सकता है। जैसे कि इक्विटी म्यूचुअल फंड्स लंबे समय में औसतन 10-12% रिटर्न तक दे सकते हैं। ऐसे में पैसे को निवेश में रखना बेहतर हो सकता है बजाय लोन प्रीपेमेंट के।
यह ऑप्शन उन लोगों के लिए सही है जिनकी रेगुलर इनकम, इमरजेंसी फंड और इंश्योरेंस कवर पहले से मौजूद है।

सबसे बेहतरीन तरीका: मिश्रित रणनीति अपनाएं
आपको किसी एक विकल्प को पूरी तरह चुनने की आवश्यकता नहीं है। आप संतुलित या मिश्रित तरीका अपना सकते हैं:
नियमित प्रीपेमेंट: साल में एक बार या जब भी बोनस मिले छोटी-छोटी किश्तों में लोन का कुछ हिस्सा चुकाएं। इससे लोन का टेन्योर (अवधि) कम होगा।
SIP जारी रखें: बाकी राशि को उच्च रिटर्न वाले निवेश जैसे सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान (SIP) के माध्यम से इक्विटी फंड में डालते रहें।
मानसिक संतोष: हमेशा वह विकल्प चुनें जो आपको सुरक्षा का अहसास दे न कि चिंता। वित्तीय फैसला सिर्फ गणित नहीं बल्कि मानसिक संतोष भी है।
अंतिम सलाह: अपने लोन की दर और अपनी निवेश से उम्मीदों की तुलना करें। यदि निवेश पर अपेक्षित रिटर्न > लोन की ब्याज दर तो निवेश करें। यदि लोन की ब्याज दर > निवेश पर अपेक्षित रिटर्न तो प्रीपेमेंट करें।
