कहीं लट्ठमार तो कहीं फूलों से खेली जाती है भारत में Holi, जानिए रंग और परंपराओं का संगम

punjabkesari.in Monday, Mar 03, 2025 - 03:12 PM (IST)

नेशनल डेस्क। होली सिर्फ गुलाल और गुझिया तक सीमित नहीं है बल्कि यह भारत की सांस्कृतिक विविधता और परंपराओं का रंगीन संगम भी है। देश के हर राज्य और क्षेत्र में इसे अनूठे अंदाज में मनाया जाता है। कहीं लाठियों से होली खेली जाती है तो कहीं फूलों की वर्षा होती है। आइए जानते हैं कि भारत के विभिन्न हिस्सों में होली को कैसे मनाया जाता है और इसके कौन-कौन से अनोखे रूप देखने को मिलते हैं।

1. ब्रज की लठमार होली (उत्तर प्रदेश)
📍 स्थान: बरसाना और नंदगांव
➤ यह भगवान कृष्ण और राधा की प्रेम कहानी से जुड़ी हुई है।
➤ महिलाएं पुरुषों को लाठियों से मारती हैं और पुरुष ढाल लेकर खुद को बचाते हैं।
➤ बरसाना की महिलाएं नंदगांव के पुरुषों को पीटती हैं और अगले दिन नंदगांव की महिलाएं बरसाना के पुरुषों को पीटती हैं।
➤ यह भारत की सबसे प्रसिद्ध होली में से एक है।

2. फूलों की होली (मथुरा-वृंदावन, उत्तर प्रदेश)
📍 स्थान: बांके बिहारी मंदिर, वृंदावन
➤ भगवान कृष्ण और राधा की नगरी में होली रंगों से नहीं बल्कि फूलों से खेली जाती है।
➤ श्रद्धालु भगवान पर पुष्प अर्पित करते हैं और गुलाल उड़ाते हैं।
➤ बांके बिहारी मंदिर में भक्त भजन-कीर्तन और भक्ति संगीत के साथ इस उत्सव का आनंद लेते हैं।

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3. शांति निकेतन की होली (पश्चिम बंगाल)
📍 स्थान: शांति निकेतन
➤ इसे बसंत उत्सव के रूप में मनाया जाता है जिसकी शुरुआत रवींद्रनाथ टैगोर ने की थी।
➤ छात्र-छात्राएं पीले वस्त्र पहनते हैं और रंगों के साथ नृत्य-संगीत करते हैं।
➤ यहां प्राकृतिक रंगों का उपयोग किया जाता है जो पर्यावरण के लिए सुरक्षित होते हैं।

 

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4. धुलंडी होली (हरियाणा)
📍 स्थान: हरियाणा के ग्रामीण इलाके
➤ इसे भाभी-देवर की होली भी कहा जाता है।
➤ भाभियां (शादीशुदा महिलाएं) अपने देवरों को छेड़ती हैं और उन पर मजाक में रंग डालती हैं।
➤ यह मस्ती, हंसी-मजाक और प्रेम का त्योहार होता है।

5. होला मोहल्ला (पंजाब)
📍 स्थान: आनंदपुर साहिब
➤ यह सिख समुदाय की होली है जिसे शौर्य और वीरता का पर्व माना जाता है।
➤ इसमें घुड़सवारी, तलवारबाजी और मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया जाता है।
➤ गुरु गोविंद सिंह जी ने इसे सिख योद्धाओं के प्रशिक्षण के लिए शुरू किया था।

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6. गेर और डोलची होली (राजस्थान)
📍 स्थान: जयपुर, उदयपुर और बीकानेर
➤ जयपुर और उदयपुर में लोग पारंपरिक पोशाक पहनकर ढोल-नगाड़ों के साथ नृत्य करते हैं।
➤ बीकानेर की डोलची होली में लोग एक-दूसरे पर पानी से भरी डोलची डालते हैं लेकिन किसी को चोट नहीं पहुंचाते।

7. रंगपंचमी (महाराष्ट्र)
📍 स्थान: मुंबई, पुणे, नासिक
➤ महाराष्ट्र में होली के पांचवें दिन रंगपंचमी का उत्सव मनाया जाता है।
➤ लोग रंगों से खेलते हैं और ढोल-नगाड़ों के साथ नाचते-गाते हैं।
➤ होलिका दहन के दिन लकड़ियों और उपलों से अग्नि जलाकर बुराइयों को खत्म करने की परंपरा भी निभाई जाती है।

8. अट्टी होली और डांडिया होली (गुजरात)
📍 स्थान: कच्छ, अहमदाबाद
➤ गुजरात में अट्टी होली के दौरान लोग घरों की सफाई करते हैं और दीवारों पर शुभ प्रतीक बनाते हैं।
➤ डांडिया और गरबा का आयोजन किया जाता है।
➤ कच्छ क्षेत्र में रबारी समुदाय अपनी पारंपरिक होली मनाते हैं।

 

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9. बैगवाल होली (उत्तराखंड)
📍 स्थान: देवीधुरा मंदिर, चंपावत
➤ इसे पत्थर मारने वाली होली भी कहा जाता है।
➤ इसमें लोग दो समूहों में बंटकर हल्के पत्थरों से होली खेलते हैं।
➤ यह परंपरा देवी मां के प्रति भक्ति प्रकट करने के लिए निभाई जाती है।

अंत में कहा जा सकता है कि होली सिर्फ एक रंगों का त्योहार नहीं है बल्कि यह भारत की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं का प्रतीक भी है। हर राज्य में इसे अलग-अलग अंदाज में मनाया जाता है जिससे इसकी खूबसूरती और बढ़ जाती है। चाहे वह ब्रज की लठमार होली हो, वृंदावन की फूलों की होली या पंजाब का होला मोहल्ला हर जगह होली का अपना एक अलग रंग होता है। 


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Content Editor

Rohini Oberoi

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