3 हजार मुस्लिम, सिर्फ 250 हिंदू वोटर, फिर भी गांव की सरपंच बनी हिंदू महिला, मजहब नहीं बना दीवार!
punjabkesari.in Sunday, Apr 06, 2025 - 04:54 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हरियाणा के नूंह जिले के एक छोटे से गांव सिरोली ने सांप्रदायिक सौहार्द और भाईचारे की एक अनूठी मिसाल पेश की है। जिस गांव में लगभग 3,000 मुस्लिम और महज 250 हिंदू वोटर हैं, वहां की ग्राम पंचायत ने एक हिंदू महिला को सर्वसम्मति से सरपंच चुना है। यह न सिर्फ लोकतंत्र की जीत है बल्कि सामाजिक एकता और आपसी भरोसे का एक शानदार उदाहरण भी है।
मुस्लिम पंचों ने चुना हिंदू महिला सरपंच
सिरोली गांव की ग्राम पंचायत में कुल 15 पंच हैं जिनमें से 14 मुस्लिम हैं और केवल एक पंच निशा चौहान हिंदू समुदाय से आती हैं। गांव के पंचों ने 2 अप्रैल 2025 को सर्वसम्मति से 30 वर्षीय निशा चौहान को सरपंच चुना। खास बात यह है कि पद महिलाओं के लिए आरक्षित था और पंचों ने राजनीति से ऊपर उठकर सामूहिक रूप से यह निर्णय लिया।
नूंह जिला हरियाणा के सबसे संवेदनशील और पिछड़े जिलों में गिना जाता है। जुलाई 2023 में हुए सांप्रदायिक तनाव के चलते यह जिला सुर्खियों में रहा था। लेकिन अब उसी ज़िले से सांप्रदायिक सौहार्द की एक नई कहानी निकल कर सामने आई है। गांव के इस फैसले ने यह साबित कर दिया कि मजहब की दीवारें तब टूट जाती हैं जब दिलों में भाईचारा होता है।
नवनियुक्त सरपंच निशा चौहान ने कहा - "यह चुनाव सिर्फ मेरी जीत नहीं है बल्कि मेवात की उस परंपरा की जीत है जिसमें हिंदू और मुस्लिम एक-दूसरे के साथ रहते आए हैं। यहां कभी धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं हुआ। मैं सबके साथ मिलकर गांव का विकास करूंगी।" खंड विकास एवं पंचायत अधिकारी शमशेर सिंह के मुताबिक, सिरोली पंचायत में 15 में से 8 पंच महिलाएं हैं। यह भी इस गांव की सोच को दर्शाता है कि यहां न सिर्फ धार्मिक बल्कि लैंगिक समानता की भी मिसाल पेश की जा रही है।
पहले भी सरपंच पद पर हुए उतार-चढ़ाव
इस गांव की पंचायत राजनीति भी उतार-चढ़ाव भरी रही है। दिसंबर 2022 में सहाना को सरपंच चुना गया था लेकिन फर्जी डिग्री के कारण 2023 में उन्हें हटा दिया गया। फिर रुक्शिना कार्यकारी सरपंच बनीं लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के चलते वह भी पद पर नहीं रह सकीं। अब सभी पंचों ने आपसी सहमति से एक स्थिर और भरोसेमंद विकल्प के तौर पर निशा चौहान को चुना है।
"हिंदू-मुस्लिम एक दूसरे को डांट सकते हैं" – पूर्व सरपंच
सिरोली के पूर्व सरपंच अशरफ अली ने गांव की एकता को लेकर दिल छू लेने वाली बात कही। उन्होंने कहा, "यहां अगर कोई गलती करता है तो हिंदू परिवार मुस्लिम पड़ोसियों को डांट सकते हैं और वही मुस्लिम परिवार भी हिंदू घर में आकर सलाह दे सकते हैं। हम एक-दूसरे की शादी और त्योहारों में शामिल होते हैं।"