मोहब्बत की मिसाल: हिंदू मामा ने मुस्लिम भांजी की शादी में निभाई रस्में, हेलीकॉप्टर से करवाई विदाई, देखें Video
punjabkesari.in Friday, Apr 11, 2025 - 01:05 PM (IST)

नेशनल डेस्क। उत्तर प्रदेश के मुज़फ्फरनगर जिले से एक ऐसी खबर सामने आई है जिसने इंसानियत, भाईचारे और गंगा-जमुनी तहज़ीब की मिसाल पेश की है। यहां एक हिंदू युवक ने अपनी मुंहबोली मुस्लिम भांजी की शादी में न सिर्फ "भात" देकर पारंपरिक रस्म अदा की बल्कि शादी के बाद भांजी की विदाई हेलीकॉप्टर से कराकर सभी का दिल जीत लिया।
तीन पीढ़ियों से चला आ रहा है रिश्ता
यह मामला मुज़फ्फरनगर के छपार गांव का है जहां रहने वाली डॉ. आसमा की शादी मेरठ जिले के नानू गांव निवासी शादाब के साथ पूरे धूमधाम से हुई। डॉ. आसमा वर्तमान में कतर में डॉक्टर हैं जबकि शादाब एम.फॉर्मा की पढ़ाई कर रहे हैं। खास बात ये रही कि आसमा के मुंहबोले मामा राहुल ठाकुर जो गुनिया जुड़ी गांव से हैं ने शादी में 'भात' भरकर एक सच्चे रिश्ते की मिसाल कायम की।
हेलीकॉप्टर से हुई भांजी की विदाई
भांजी की शादी को यादगार बनाने के लिए मामा राहुल ठाकुर ने उसकी विदाई हेलीकॉप्टर से कराई जिससे पूरे इलाके में चर्चा का माहौल बन गया। बताया जा रहा है कि इस विशेष विदाई पर करीब 5 लाख रुपये का खर्च आया। जब आसमा हेलीकॉप्टर से विदा हुई तो गांव वाले भी भावुक हो उठे।
मेरठ के नानू गांव में एक अनोखी शादी देखने को मिली, जहां दुल्हन को हेलीकॉप्टर से विदा किया गया। मुस्लिम दुल्हन के मुँह बोले हिन्दू मामा ने भात देने के साथ अपनी भांजी को हेलीकॉप्टर में बैठाकर विदा किया। यह भाईचारे की अनोखी मिसाल है। #मेरठ #शादी #भाईचारा #Meerut pic.twitter.com/oOTFCsyu9h
— Shivang Timori (@shivangtimori) April 11, 2025
'हमें नहीं पता ये हिंदू या मुस्लिम है ये रिश्ता है'
राहुल ठाकुर ने कहा,
"हमारी तीन पीढ़ियों का मेल इस परिवार से है। जब हमारे पिता बीमार थे तब इस परिवार ने हमारी खूब मदद की। यहां हिंदू-मुस्लिम कोई फैक्टर नहीं है ये रिश्ता है। यही मोहब्बत है यही इंसानियत है। यही वजह है कि हम मुज़फ्फरनगर को मोहब्बत नगर भी कहते हैं।"
उन्होंने आगे कहा कि,
"यहां की मिट्टी में ही भाईचारा है। कोई भेदभाव नहीं होता। चीनी और गुड़ की मिठास जैसी ही मिठास इस ज़मीन में है।"
दूल्हे शादाब ने जताया आभार
दूल्हे शादाब ने भी इस मौके पर अपनी भावनाएं साझा करते हुए कहा,
"राहुल ठाकुर मामा जी हमारे परिवार के लिए किसी फरिश्ते से कम नहीं हैं। उन्होंने जो प्यार दिया और इस शादी को इतना यादगार बनाया वो हमारे लिए एक अनमोल तोहफा है।"
वहीं इस घटना ने साबित कर दिया कि सच्चे रिश्ते धर्म और जाति से ऊपर होते हैं। हिंदू-मुस्लिम एकता की यह मिसाल आज के समय में बेहद खास है और समाज के लिए एक प्रेरणा भी।