Hindenburg: अबकी बार सीधा SEBI पर हुआ हिंडनबर्ग का हमला, अडानी से मिली हुई हैं माधबी पुरी बुच

punjabkesari.in Saturday, Aug 10, 2024 - 11:14 PM (IST)

नई दिल्लीः अडानी ग्रुप को निशाना बनाने वाली कंपनी हिंडनबर्ग ने इस बार सीधा मार्केट रेगुलेटर सेबी (SEBI) पर हमला बोला है। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच भी अडानी ग्रुप के साथ मिली हुई हैं। यही वजह है कि अडानी ग्रुप के खिलाफ उन्होंने 18 महीने में भी कार्रवाई नहीं की है। हिंडनबर्ग की रिसर्च ने इस खुलासे के बारे में सुबह सोशल मीडिया एक्स पर ऐलान किया था। गुप्त दस्तावेज के हवाले से हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा है कि अडानी घोटाले में इस्तेमाल की गई ऑफशोर संस्थाओं में सेबी चेयरपर्सन की हिस्सेदारी थी। हालांकि सेबी की ओर से अभी तक इस मामले पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।

हिंडनबर्ग रिसर्च ने अपने आरोपों में कहा है कि माधबी पुरी बुच ने अपने शेयर पति को ट्रांसफर किए। अप्रैल 2017 से लेकर मार्च 2022 के दौरान माधबी पुरी बुच सेबी की होलटाइम मेंबर होने के साथ चेयरपर्सन थीं। उनका सिंगापुर में अगोरा पार्टनर्स नाम से कंसलटिंग फर्म में 100 फीसदी स्टेक था। 16 मार्च 2022 को सेबी के चेयरपर्सन पर नियुक्ति किए जाने से दो हफ्ते पहले उन्होंने कंपनी में अपने शेयर्स अपने पति के नाम ट्रांसफर कर दिए।

18 महीने पहले दी सारी जानकारी, फिर भी नहीं की कार्रवाई 
हिंडनबर्ग रिसर्च के अनुसार अडानी समूह पर हमारी मूल रिपोर्ट को लगभग 18 महीने हो चुके हैं, जिसमें इस बात के भारी सबूत पेश किए गए थे कि भारतीय समूह कॉर्पोरेट इतिहास में सबसे बड़ा घोटाला कर रहा था। तब से, सबूतों के बावजूद, साथ ही 40 से अधिक स्वतंत्र मीडिया जांचों ने हमारे मूल काम की पुष्टि और विस्तार किया, भारतीय प्रतिभूति नियामक सेबी ने अदाणी समूह के खिलाफ कोई सार्वजनिक कार्रवाई नहीं की है।

जून 2024 में सेबी ने हमें भेजा कारण बताओ नोटिस
इसके बजाय, 27 जून 2024 को सेबी ने हमें एक स्पष्ट 'कारण बताओ' नोटिस भेजा। सेबी ने हमारे 106-पृष्ठ के विश्लेषण में किसी भी तथ्यात्मक त्रुटि का आरोप नहीं लगाया, बल्कि इसके बजाय दावा किया कि हमारी शॉर्ट पोजीशन के बारे में खुलासा - जिसका हमने बार-बार खुलासा किया - अपर्याप्त था, यह तर्क देते हुए कि हमें और भी अधिक मजबूत खुलासा प्रदान करना चाहिए था।

पिछले साल अडानी समूह को दिया था झटका
बता दें कि पिछले साल ही यह कंपनी एक रिपोर्ट के जरिए अडानी समूह को तगड़ा झटका दे चुकी है। जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने अदाणी समूह पर निशाना साधते हुए एक रिपोर्ट जारी की थी। इस रिपोर्ट ने हड़कंप मचा दिया था, क्योंकि हिंडनबर्ग ने अदाणी समूह पर कई गंभीर आरोप लगाए थे। हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट के आते ही अडानी ग्रुप के सभी शेयरों में तगड़ी गिरावट हुई थी और गौतम अडानी दुनिया के नंबर 2 अरबपति बनने के बाद 36वें नंबर पर खिसक गए थे।

क्या है हिंडनबर्ग रिसर्च?
हिंडनबर्ग रिसर्च अमेरिका की एक फोरेंसिक वित्तीय अनुसंधान कंपनी है। इसकी स्थापना साल 2017 में नाथन एंडरसन ने की थी। इस कंपनी का काम इक्विटी, क्रेडिट और डेरिवेटिव्स का विश्लेषण करना है। यह किसी भी कंपनी में हो रही गड़बड़ी का पता लगाती है। इसके बाद उस कंपनी और गड़बड़ी की रिपोर्ट प्रकाशित करती है।


सबसे ज्यादा पढ़े गए

Content Writer

Yaspal

Related News