Hindenburg Report: हिंडनबर्ग ने नहीं दिया नोटिसों का जवाब, सेबी की साख पर खड़े किए सवाल- माधबी पुरी बुच

punjabkesari.in Sunday, Aug 11, 2024 - 08:28 PM (IST)

मुंबईः बाजार नियामक सेबी की प्रमुख माधवी पुरी बुच एवं उनके पति ने रविवार को कहा कि अमेरिकी शोध एवं निवेश फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और चेयरपर्सन का चरित्र हनन करने की कोशिश कर रही है। हिंडनबर्ग ने शनिवार रात को जारी एक रिपोर्ट में संदेह जताया है कि अदाणी समूह के खिलाफ कार्रवाई करने में पूंजी बाजार नियामक सेबी की अनिच्छा का कारण सेबी प्रमुख और उनके पति धवल बुच की अदाणी समूह से जुड़े विदेशी कोष में हिस्सेदारी हो सकती है।

हिंडनबर्ग के इन आरोपों के जवाब में बुच दंपति ने रविवार शाम को जारी एक विस्तृत बयान में कहा कि आईआईएफएल वेल्थ मैनेजमेंट के एक फंड में उनका निवेश सिंगापुर स्थित निजी नागरिक के रूप में किया गया था। उन्होंने यह भी कहा कि माधवी के सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में शामिल होने से दो साल पहले यह निवेश किया गया था। इसके साथ ही दंपति ने कहा कि 2019 से ब्लैकस्टोन में वरिष्ठ सलाहकार धवल निजी इक्विटी फर्म के रियल एस्टेट पक्ष से नहीं जुड़े हैं।

बयान के मुताबिक, वर्ष 2017 में सेबी में पूर्णकालिक सदस्य के रूप में माधवी की नियुक्ति के तुरंत बाद उनकी दो परामर्श कंपनियां निष्क्रिय हो गईं थीं। बयान में कहा गया, ''भारत में कई तरह के नियामकीय उल्लंघनों के लिए हिंडनबर्ग को कारण बताओ नोटिस भेजा गया है। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि नोटिस का जवाब देने के बजाय उसने सेबी की विश्वसनीयता पर हमला करने और सेबी चेयरपर्सन के चरित्र हनन की कोशिश करने का विकल्प चुना है।''

बयान के अनुसार, बुच ने धवल के बचपन के दोस्त अनिल आहूजा की सलाह पर दो फंडों में निवेश करने का फैसला किया था। आहूजा वह व्यक्ति हैं, जिन्हें हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने मॉरीशस स्थित आईपीई प्लस फंड के संस्थापक और मुख्य निवेश अधिकारी के रूप में पहचाना है। इनके बारे में अदाणी समूह ने भी अपने बयान में कहा है कि वे अदाणी पावर (2007-2008) में थ्रीआई इन्वेस्टमेंट फंड के नामित व्यक्ति थे और उन्होंने जून 2017 को समाप्त नौ वर्षों की अवधि में तीन कार्यकालों के लिए अदाणी एंटरप्राइजेज के निदेशक के रूप में कार्य किया।

आहूजा के बयान का हवाला देते हुए, बुच ने कहा कि फंड ने किसी भी समय किसी भी अदाणी समूह की कंपनी के किसी भी बॉन्ड, इक्विटी या डेरिवेटिव में निवेश नहीं किया। ब्लैकस्टोन के साथ धवल के जुड़ाव को लेकर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की चिंताओं पर बुच दंपति ने कहा कि यह नियुक्ति आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन में उनकी गहरी विशेषज्ञता के कारण की गई थी और यह नियुक्ति माधवी के सेबी चेयरपर्सन बनने से पहले की है।

हिंडनबर्ग के अपनी ताजा रिपोर्ट जारी करने के तुरंत बाद एक बयान में बुच ने आरोपों को निराधार बताया था। हिंडनबर्ग के मुताबिक, माधवी और उनके पति ने बरमूडा और मॉरीशस में अस्पष्ट विदेशी कोषों में अघोषित निवेश किया था। उसने कहा कि ये वही कोष हैं जिनका कथित तौर पर विनोद अदाणी ने पैसों की हेराफेरी करने और अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतें बढ़ाने के लिए इस्तेमाल किया गया था। विनोद अदाणी, अदाणी समूह के चेयरमैन गौतम अदाणी के बड़े भाई हैं।


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Content Writer

Yaspal

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