ड्राइवर से लेकर HR तक, AI की वजह से आने वाले 5 सालों में खत्म हो जाएगी ये नौकरियां
punjabkesari.in Tuesday, Jun 03, 2025 - 06:30 PM (IST)

नेशनल डेस्क: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) अब केवल साधारण कार्यों तक सीमित नहीं रहा, बल्कि यह वैश्विक नौकरियों की दुनिया में बड़ा बदलाव ला रहा है। संयुक्त राष्ट्र व्यापार और विकास सम्मेलन (UNCTAD) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले वर्षों में दुनिया की करीब 40 प्रतिशत नौकरियां AI से प्रभावित हो सकती हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि जहां कुछ नौकरियों की प्रकृति में बदलाव आएगा, वहीं कुछ नौकरियां पूरी तरह खत्म भी हो सकती हैं। विशेष रूप से महिलाओं पर ज्यादा असर पड़ने की आशंका जताई गई है, क्योंकि वे उन क्षेत्रों में कार्यरत हैं जो AI के प्रभाव में ज्यादा हैं। इसी दिशा में McKinsey & Company की रिपोर्ट भी संकेत देती है कि अगले 5 वर्षों में AI से नौकरियों का स्वरूप तेजी से बदलेगा, जो इस बात पर निर्भर करेगा कि तकनीक को कितनी तेजी से अपनाया जाता है।
AI से सबसे अधिक खतरे में ये नौकरियां
Digital Marketing and Social Media
AI अब सोशल मीडिया पोस्ट, विज्ञापन और डेटा ट्रैकिंग संभाल रहा है, जहां पहले पूरी टीमें होती थीं।
Restaurant and store workers
सेल्फ-चेकआउट, रोबोट वेटर और इन्वेंट्री मैनेजमेंट से कामगारों की आवश्यकता घट रही है।
Drivers and Delivery Workers
स्वचालित वाहनों की तकनीक बढ़ रही है, जिससे भविष्य में टैक्सी और डिलीवरी सेवाएं प्रभावित हो सकती हैं। हालांकि भारत में अभी इसे अनुमति नहीं दी गई है।
Sales and Customer Service
Klarna जैसे प्लेटफॉर्म AI से करोड़ों ग्राहक संवाद पूरे कर चुके हैं – जो सैकड़ों एजेंट्स के बराबर है।
Human Resources (HR) and Recruitment
IBM जैसी कंपनियों ने सैकड़ों HR कर्मियों की जगह AI टूल्स का इस्तेमाल शुरू कर दिया है। CV स्कैनिंग और प्रोफाइल मूल्यांकन अब AI कर रहा है।
Entry-level coding and IT
AI अब कोडिंग का काम खुद कर रहा है। बड़ी IT कंपनियां अब छोटी टीमों से काम चला सकती हैं।
Cybersecurity and Attacks
जहां AI सुरक्षा बढ़ा रहा है, वहीं हैकर्स इसका उपयोग जटिल हमलों के लिए भी कर रहे हैं।
Reporting and Office Communication
CEO अपने AI अवतार से बैठकें करवा रहे हैं। ईमेल से लेकर रिपोर्टिंग तक में AI भूमिका निभा रहा है।
संकट के साथ मौके भी
हालांकि इन बदलावों से घबराने की जरूरत नहीं है। Goldman Sachs की रिपोर्ट बताती है कि अधिकांश नौकरियां खत्म नहीं होंगी बल्कि उनका स्वरूप बदलेगा। MIT के अर्थशास्त्री डेविड ऑटोर के अनुसार, आज की 60% नौकरियां 1940 में मौजूद नहीं थीं — इसका मतलब है कि नई तकनीक पुराने काम को खत्म जरूर करती है, लेकिन नई संभावनाएं भी लाती है।