3 महीने में होने वाली थी रिटायरमेंट, गोलीबारी में शहीद हो गया हिमाचल का बेटा सूबेदार मेजर पवन कुमार
punjabkesari.in Saturday, May 10, 2025 - 03:43 PM (IST)

नेशनल डेस्क: देश के लिए जीने और मरने की कसम खाने वाले वीर सपूत कभी पीछे नहीं हटते - ऐसा ही उदाहरण पेश किया है हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के वीर जवान सूबेदार मेजर पवन कुमार ने। रिटायरमेंट से महज कुछ ही महीने पहले वे मातृभूमि की रक्षा करते हुए जम्मू-कश्मीर के राजौरी सेक्टर में शहीद हो गए। पाकिस्तान की ओर से हो रही लगातार ड्रोन, मिसाइल और LOC पर फायरिंग का भारत ने जिस साहस और दृढ़ता से जवाब दिया, उसमें पवन कुमार सबसे आगे थे।
ऑपरेशन सिंदूर के बाद बौखलाया पाकिस्तान
हाल ही में भारतीय सेना द्वारा चलाए गए 'ऑपरेशन सिंदूर' में पाकिस्तान को भारी नुकसान उठाना पड़ा, जिसमें कई बड़े आतंकी मारे गए थे। इसके बाद से पाकिस्तान लगातार सीमा पर ड्रोन और मिसाइल हमले कर रहा है। बीते तीन दिनों से जारी इस बौखलाहट भरे हमलों के बीच शनिवार सुबह राजौरी में LOC पर फायरिंग के दौरान पवन कुमार गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
घायल होने के बाद अस्पताल में तोड़ा दम
पाकिस्तानी सेना की इस कायराना हरकत का जवाब सूबेदार मेजर पवन कुमार और उनकी टीम ने बहादुरी से दिया। गोली लगने के बाद उन्हें तत्काल अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां उपचार के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली।
वीरता की मिसाल बने पवन कुमार
49 वर्षीय पवन कुमार 25 पंजाब रेजिमेंट में सेवा दे रहे थे और इस वर्ष 31 अगस्त को रिटायर होने वाले थे, लेकिन रिटायरमेंट से पहले ही वे देश के लिए शहीद हो गए। उनके पिता गरज सिंह भी सेना में हवलदार रह चुके हैं ।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
सूबेदार की शहादत की खबर मिलते ही पूरे गांव में शोक की लहर दौड़ गई। कांगड़ा के शाहपुर नगर पंचायत के वार्ड नंबर 4 से पार्षद शुभम ने बताया कि जैसे ही गांव में पवन कुमार के शहीद होने की सूचना मिली, लोग उनके घर उमड़ पड़े। DC हेमराज बैरवा खुद परिवार से मिलने पहुंचे और उन्हें श्रद्धांजलि दी। पवन कुमार के परिवार में उनकी मां किशो देवी, पत्नी, 23 वर्षीय बेटा अभिषेक और बेटी अनामिका हैं। परिवार के साथ उनकी यूनिट के जवानों की भी बातचीत करवाई गई है।
अंतिम दर्शन को उमड़ेगा जनसैलाब
शहीद की पार्थिव देह आज रात या कल सुबह उनके पैतृक गांव लाई जाएगी, जहां पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। प्रशासन ने बताया है कि शहीद का अंतिम संस्कार सैन्य सम्मान के साथ किया जाएगा।