IMD Winter Update: 7 दिसंबर से बदल जाएगा मौसम...बर्फबारी के साथ बढ़ जाएगी ठिठुरन

punjabkesari.in Friday, Dec 06, 2024 - 12:17 PM (IST)

नेशनल डेस्क: हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में एक बार फिर बर्फबारी होने की संभावना है, जिससे ठंड का प्रकोप और बढ़ेगा। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, 7 दिसंबर की रात को पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय होने के कारण 8 और 9 दिसंबर को जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के पहाड़ी क्षेत्रों में हल्की बर्फबारी हो सकती है, जबकि निचले इलाकों में हल्की बारिश का अनुमान है। इस बर्फबारी से दोनों राज्यों का तापमान गिर जाएगा और ठिठुरन बढ़ जाएगी।
  
जम्मू-कश्मीर में माइनस में तापमान
हाल ही में हुई बर्फबारी के कारण जम्मू-कश्मीर के ज्यादातर हिस्सों में ठंड बढ़ गई है। श्रीनगर का तापमान -4.1 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड हुआ, जो सीजन की सबसे ठंडी रात रही। शोपियां -5.5 डिग्री सेल्सियस के साथ घाटी का सबसे ठंडा शहर रहा। दक्षिण कश्मीर के पहलगाम में तापमान -5.3 डिग्री रिकॉर्ड किया गया। 8-9 दिसंबर को होने वाली बर्फबारी के बाद 10 से 14 दिसंबर तक मौसम शुष्क रहने की संभावना है, हालांकि 15-16 दिसंबर को फिर बर्फबारी और बारिश का अनुमान है।

हिमाचल प्रदेश में बारिश और बर्फबारी की संभावना
हिमाचल प्रदेश में 7 दिसंबर के बाद पश्चिमी विक्षोभ का असर देखने को मिलेगा, जिसके चलते पहाड़ी क्षेत्रों में बर्फबारी होगी। हालांकि, प्रदेश के मैदानी इलाकों में बारिश नहीं होने से सूखा बना हुआ है। अभी तक हिमाचल के कुछ ऊंचे इलाकों में हल्की बर्फबारी हो चुकी है। रोहतांग, बारालाचा और शिंकुला दर्रे में 2 इंच तक हिमपात हुआ है। आगामी दिनों में लाहौल स्पीति, किन्नौर, कुल्लू, चंबा, मंडी, शिमला, कांगड़ा और मनाली में बर्फबारी की संभावना जताई जा रही है।

हिमाचल प्रदेश में मौसम
हिमाचल प्रदेश में इस समय मनाली का न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री, शिमला का 9.2 डिग्री और ऊना का 5.2 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया है। प्रदेश के 6 जिलों में पिछले 65 दिनों से बारिश नहीं हुई है, और 2016 के बाद पहली बार नवंबर में लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य 11 जिलों में एक भी बूंद बारिश नहीं पड़ी। 6 दिसंबर को हिमाचल में अधिकतम तापमान 16.01 डिग्री सेल्सियस रहा और आने वाले दिनों में 6.11 डिग्री से 19.29 डिग्री तक तापमान रहने का अनुमान है।

इस बर्फबारी और बारिश से ठंड बढ़ने की संभावना है, जिससे उत्तर भारत के विभिन्न हिस्सों में शीत लहर का असर दिखाई दे सकता है।


 


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Content Writer

Anu Malhotra

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