हिजाब विवाद: महबूबा मुफ्ती बोलीं- हाईकोर्ट का फैसला निराशाजनक, छीने जा रहे महिलाओं के अधिकार
punjabkesari.in Tuesday, Mar 15, 2022 - 12:29 PM (IST)
नेशनल डेस्क: हिजाब विवाद पर कर्नाटक हाईकोर्ट ने अहम फैसला सुनाते हुए मुस्लिम छात्राओं की सारी याचिकाएं खारिज कर दीं। हाईकोर्ट ने कहा कि हिजाब धर्म का अनिवार्य हिस्सा नहीं है। स्कूल-कॉलेज में विद्यार्थी यूनिफॉर्म पहनने से मना नहीं कर सकते हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले के साथ ही कई नेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है। PDP प्रमुख महबूबा मुफ्ती और फारुख अब्दुल्ला ने नाराजगी जताई है। महबूबा मुफ्ती ने ट्वीट किया, 'हिजाब प्रतिबंध को बरकरार रखने का कर्नाटक हाईकोर्ट का फैसला बेहद निराशाजनक है। एक तरफ हम महिलाओं के सशक्तिकरण की बात करते हैं फिर भी हम उन्हें एक साधारण अधिकार से वंचित कर रहे हैं। यह सिर्फ धर्म से जुड़ा हुआ नहीं है, बल्कि चुनने की स्वतंत्रता का भी मसला है।
हाईकोर्ट ने यह कहा
तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि स्कूल की वर्दी का नियम एक उचित पाबंदी है और संवैधानिक रूप से स्वीकृत है जिस पर छात्राएं आपत्ति नहीं उठा सकती हैं। चीफ जस्टिस ऋतु राज अवस्थी, जस्टिस कृष्ण एस दीक्षित और जस्टिस जे एम खाजी की पीठ ने आदेश का एक अंश पढ़ते हुए कहा कि हमारी राय है कि मुस्लिम महिलाओं का हिजाब पहनना इस्लाम धर्म में आवश्यक धार्मिक प्रथा का हिस्सा नहीं है।''
पीठ ने यह भी कहा कि सरकार के पास 5 फरवरी 2022 के सरकारी आदेश को जारी करने का अधिकार है और इसे अवैध ठहराने का कोई मामला नहीं बनता है। इस आदेश में राज्य सरकार ने उन वस्त्रों को पहनने पर रोक लगा दी थी जिससे स्कूल और कॉलेज में समानता, अखंडता और सार्वजनिक व्यवस्था बाधित होती है। अदालत ने कॉलेज, उसके प्रधानाचार्य और एक शिक्षक के खिलाफ अनुशासनात्मक जांच शुरू करने का अनुरोध करने वाली याचिका भी खारिज कर दी गई। उसने कहा कि उपरोक्त परिस्थितियों में ये सभी रिट याचिकाएं खारिज की जाती हैं। रिट याचिका खारिज करने के मद्देनजर सभी लंबित याचिकाएं महत्वहीन हो जाती हैं और इसके अनुसार इनका निस्तारण किया जाता है।