कर्नाटक में फिर गर्माया हिजाब विवाद, मुस्लिम छात्राओं ने डिप्टी कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन, हिजाब पहनने की मांगी इजाजत

punjabkesari.in Friday, May 27, 2022 - 02:39 PM (IST)

नेशनल डेस्क- कर्नाटक के शिक्षण संस्थानों में हिजाब विवाद एक बार फिर सुर्खियों में बन गया है। मंगलुरु में एक यूनिवर्सिटी की मुस्लिम छात्राओं ने डिप्टी कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है। छात्राओं ने कक्षा में हिजाब पहनने की इजाजत मांगी है। एक छात्रा फातिमा ने कहा, 'कोर्ट के आदेश के बाद कुछ नहीं हुआ था। हमने शांतिपूर्ण तरीके से परीक्षाएं दीं। हमें हाल ही में बिना हिजाब के कक्षाओं में भाग लेने के लिए एक अनौपचारिक नोट मिला है। हम हाईकोर्ट के आदेश के साथ प्रिंसिपल के पास गए और उनसे बात करने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि वह कुछ नहीं कर सकते।'

यहां यूनिवर्सिटी कॉलेज के छात्रों के एक समूह ने आरोप लगाया है कि कुछ मुस्लिम छात्राएं हिजाब पहनकर कक्षाओं में शामिल हो रही हैं। कॉलेज की वर्दी पहने हुए प्रदर्शनकारी छात्रों ने दावा किया कि 44 छात्राएं कॉलेज जाने के लिए हिजाब पहने हुई थीं और उनमें से कुछ इसे पहनकर कक्षाओं में भी शामिल हो रही हैं। उन्होंने कॉलेज की प्राचार्य और अधिकारियों पर एक ‘‘प्रभावशाली, स्थानीय राजनीतिक नेता'' के दबाव में अब तक इस मुद्दे को हल करने में विफल रहने का आरोप लगाया और कहा कि छात्र संघ के नेताओं की भी उनके साथ मिलीभगत है।

एक प्रदर्शनकारी छात्र ने कहा, ‘‘हम उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने की मांग कर रहे हैं, कॉलेज अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने के बावजूद, वे इसे लागू नहीं कर रहे थे।''उन्होंने कहा, ‘‘हम विरोध प्रदर्शन की योजना बना रहे थे, इसे देखते हुए अधिकारियों ने अब आदेश को लागू करने का फैसला किया है।'' हालांकि, एक मुस्लिम छात्रा ने दावा किया कि हिजाब पहनना उन छात्राओं के लिए वर्दी का हिस्सा है जो इसे पहनती हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘हालांकि, हमें 16 मई को कॉलेज से एक अनौपचारिक बयान मिला था जिसमें कहा गया था कि कक्षाओं में हिजाब पहनने की अनुमति नहीं है और सभी को वर्दी में आना चाहिए।'' कोर्ट ने राज्य द्वारा 5 फरवरी को जारी एक आदेश को भी बरकरार रखा, जिसमें सुझाव दिया गया था कि हिजाब पहनना उन सरकारी कॉलेजों में प्रतिबंधित किया जा सकता है जहां वर्दी निर्धारित है - और फैसला सुनाया कि 'एक स्कूल वर्दी का हो' एक 'उचित प्रतिबंध' है जो 'संवैधानिक रूप से स्वीकार्य'।

 


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Content Editor

rajesh kumar

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