कैश में करते हैं ये 5 लेनदेन या भुगतान? तो हो जाइए अलर्ट वरना आ सकता है Income Tax का नोटिस
punjabkesari.in Saturday, Aug 16, 2025 - 11:56 AM (IST)

नेशनल डेस्क: अगर आप ये सोचते हैं कि कैश में लेनदेन करने से आयकर विभाग को पता नहीं चलेगा तो ये आपकी सबसे बड़ी गलतफहमी है। आज का टैक्स सिस्टम बेहद आधुनिक हो चुका है और अब इनकम टैक्स डिपार्टमेंट आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल कर रहा है। इससे आपकी इनकम और खर्चों के बीच का अंतर आसानी से पकड़ में आ जाता है। अगर आपने किसी भी तरीके से कैश में बड़ा लेनदेन किया है तो वो सीधा आयकर विभाग की नजर में आ सकता है। यहां हम बात करेंगे उन 5 खास कैश ट्रांजेक्शंस की, जिन पर आयकर विभाग की पैनी नजर रहती है। अगर आप भी इनमें से कोई गलती कर रहे हैं तो सावधान हो जाइए।
1. सेविंग अकाउंट में 10 लाख या उससे ज्यादा कैश जमा करना
अगर आपने एक फाइनेंशियल ईयर यानी 1 अप्रैल से 31 मार्च के बीच अपने सेविंग अकाउंट में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की नकद राशि जमा की है, तो बैंक इस ट्रांजेक्शन की जानकारी आयकर विभाग को देगा। ये रकम एक खाते में हो या कई खातों में मिलाकर, रिपोर्टिंग जरूरी होती है। ऐसे में इनकम टैक्स विभाग आपसे पूछ सकता है कि ये पैसा कहां से आया। अगर आपने इसका सही स्रोत नहीं बताया या जवाब आय से मेल नहीं खाया तो टैक्स की भरपाई के साथ जुर्माना भी लग सकता है।
2. नकद में 10 लाख या उससे अधिक की फिक्स्ड डिपॉजिट करना
FD एक सुरक्षित निवेश विकल्प है, लेकिन अगर आपने एक साल में 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा की फिक्स्ड डिपॉजिट नकद में कर दी है, तो ये भी टैक्स विभाग की नजर में आ सकता है। चाहे आपने यह पैसा एक बैंक में जमा किया हो या अलग-अलग बैंकों में, टोटल अमाउंट मायने रखता है। इसलिए FD के लिए नकद देने से पहले ध्यान रखें कि आपके पास पैसे का लीगल सोर्स होना जरूरी है।
3. शेयर, म्यूचुअल फंड या बॉन्ड्स में नकद निवेश
आजकल लोग निवेश के लिए शेयर बाजार या म्यूचुअल फंड को चुनते हैं, लेकिन अगर आप इसमें 10 लाख रुपये या उससे ज्यादा नकद निवेश करते हैं तो ये भी रिपोर्ट होता है। इसका मतलब है कि निवेश डिजिटल नहीं बल्कि नकद में किया गया है जिससे विभाग को शक हो सकता है। इनकम टैक्स डिपार्टमेंट यह जांच सकता है कि आपकी इनकम और निवेश के बीच कोई असामान्यता तो नहीं है। अगर आपको नोटिस मिला तो इन्वेस्टमेंट का सोर्स बताना पड़ेगा।
4. क्रेडिट कार्ड का बिल नकद में चुकाना
क्रेडिट कार्ड का बिल अगर आप हर महीने एक लाख रुपये या उससे ज्यादा नकद में भरते हैं तो यह आदत भी आपको टैक्स विभाग की नजरों में ला सकती है। इस तरह के ट्रांजेक्शन की जानकारी बैंक से विभाग तक पहुंच जाती है। अगर बार-बार ऐसा होता है तो इनकम टैक्स ऑफिसर आपसे पूछ सकते हैं कि आपके पास इतनी नकदी कहां से आई। इसलिए बेहतर है कि बिल पेमेंट डिजिटल तरीके से ही करें।
5. प्रॉपर्टी खरीद में नकद भुगतान
अगर आपने किसी प्रॉपर्टी की खरीद में नकद भुगतान किया है तो यह सबसे जोखिमभरा ट्रांजेक्शन हो सकता है। खासतौर पर जब प्रॉपर्टी की कीमत 30 लाख रुपये या उससे ज्यादा है, तो रजिस्ट्रेशन के समय यह जानकारी सरकार के पास चली जाती है। शहरों में यह लिमिट 50 लाख और ग्रामीण इलाकों में 20 लाख रुपये हो सकती है। नकद में भुगतान करने पर आयकर विभाग आपसे पैसे का सोर्स मांग सकता है। इसलिए जरूरी है कि भुगतान और रजिस्ट्री दोनों में पारदर्शिता हो।
आयकर विभाग कैसे करता है निगरानी?
CBDT यानी सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज ने हाल ही में साफ किया है कि अब टैक्स चोरी पकड़ने के लिए AI और डेटा एनालिटिक्स का इस्तेमाल हो रहा है। बैंक, ट्रैवल एजेंसियों, स्टॉक मार्केट और रियल एस्टेट कंपनियों से मिली जानकारी को क्रॉस चेक किया जाता है। इसका मतलब है कि अगर आपकी इनकम और खर्चों में बड़ा अंतर है, तो वो छुपाया नहीं जा सकता।
अगर आ जाए Income Tax का नोटिस, तो क्या करें?
सबसे पहले घबराने की कोई जरूरत नहीं है। अगर आपके पास नकद राशि का स्रोत वैध और कानूनी है, तो आप आसानी से इनकम टैक्स विभाग को संतुष्ट कर सकते हैं। ऐसे मामलों में आपको केवल यह बताना होता है कि आपके पास वह पैसा कहां से आया। यह स्रोत आपके व्यवसाय की आय, विरासत में मिली संपत्ति, कृषि से हुई कमाई या किसी अन्य वैध माध्यम से हो सकता है। इसके लिए कुछ जरूरी दस्तावेज पहले से तैयार रखना बेहतर होता है, जैसे आपके बैंक स्टेटमेंट, निवेश से जुड़े प्रमाण, इनकम टैक्स रिटर्न, बिजनेस इनकम से संबंधित रसीदें या इनवॉइस आदि। अगर आप समय रहते ये डॉक्युमेंट्स दिखा देते हैं और आपकी जानकारी सही साबित होती है, तो विभाग बिना किसी दिक्कत के मामले को बंद कर सकता है। इसलिए पारदर्शिता और सटीक जानकारी सबसे जरूरी है।