Heart Attack: सावधान! इन ब्लड ग्रुप वालों को हार्ट अटैक का ज्यादा खतरा, अध्ययन में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
punjabkesari.in Wednesday, Oct 22, 2025 - 08:29 PM (IST)
नेशनल डेस्क: क्या आपका ब्लड ग्रुप भी दिल की सेहत को प्रभावित कर सकता है? अब तक माना जाता रहा है कि दिल की बीमारियों का खतरा उम्र, मोटापा, धूम्रपान और खराब खानपान जैसे कारणों से होता है। लेकिन हाल ही में हुए कई वैज्ञानिक अध्ययनों ने यह संकेत दिया है कि व्यक्ति का ब्लड ग्रुप भी हार्ट अटैक और ब्लड क्लॉट्स (रक्त के थक्के) जैसी गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं के जोखिम को बढ़ा सकता है।
A, B और AB ब्लड ग्रुप वालों को अधिक खतरा
अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन की जानी-मानी जर्नल Arteriosclerosis, Thrombosis and Vascular Biology में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों का ब्लड ग्रुप A, B या AB होता है, उन्हें हार्ट अटैक का जोखिम ब्लड ग्रुप O वालों की तुलना में औसतन 8% अधिक होता है। यह अध्ययन करीब 4 लाख लोगों के स्वास्थ्य डेटा पर आधारित था, जिससे यह निष्कर्ष निकाला गया कि नॉन-O ब्लड ग्रुप वाले लोगों में दिल की बीमारियों की आशंका अधिक पाई जाती है।
अध्ययन में 13.6 लाख से अधिक लोगों को शामिल
साल 2017 में European Society of Cardiology द्वारा किए गए एक बड़े अध्ययन में 13.6 लाख से अधिक लोगों को शामिल किया गया। अध्ययन के अनुसार, जिन लोगों का ब्लड ग्रुप O के अलावा कोई और है, उनमें दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा 9% अधिक पाया गया। इस शोध में यह भी देखा गया कि B ब्लड ग्रुप वालों में हार्ट अटैक का जोखिम 15% ज्यादा, और A ब्लड ग्रुप वालों में हार्ट फेल होने की संभावना 11% अधिक थी।
von Willebrand Factor (VWF)
अध्ययन में यह भी पाया गया कि A, B और AB ब्लड ग्रुप वालों में ब्लड क्लॉट्स यानी रक्त के थक्के बनने का खतरा अधिक होता है। इसका मुख्य कारण है — von Willebrand Factor (VWF) नामक एक प्रोटीन, जिसकी मात्रा इन ब्लड ग्रुप वालों के खून में ज्यादा पाई जाती है। यह प्रोटीन खून को जमाने में मदद करता है, लेकिन अधिक मात्रा में होने पर यह रक्त नलिकाओं में थक्के बनाता है, जिसे थ्रॉम्बोसिस कहा जाता है। जब ये थक्के दिल की धमनियों में बनते हैं, तो ब्लॉकेज पैदा करते हैं, जिससे हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। अध्ययन के अनुसार, A और B ब्लड ग्रुप वालों में ब्लड क्लॉट्स बनने का खतरा 44% अधिक होता है।
विशेषज्ञों का मानना है कि आने वाले समय में हृदय रोगों के जोखिम का आकलन करते समय ब्लड ग्रुप को भी एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में शामिल किया जाना चाहिए। वर्तमान में डॉक्टर केवल उम्र, लिंग, कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर जैसे पारंपरिक कारकों को ध्यान में रखते हैं। वैज्ञानिकों का कहना है कि A ब्लड ग्रुप वालों में "गलेक्टिन-3" नामक एक सूजन से जुड़ा प्रोटीन और कोलेस्ट्रॉल का स्तर अधिक पाया गया है, जो हार्ट फेल की संभावना को बढ़ाता है।
क्या करें A, B और AB ब्लड ग्रुप वाले लोग?
यदि आपका ब्लड ग्रुप A, B या AB है, तो आपको अपनी सेहत को लेकर अधिक सतर्क रहने की जरूरत है। नियमित जांच, संतुलित आहार, सक्रिय जीवनशैली और तनाव नियंत्रण जैसे उपाय अपनाकर दिल की बीमारियों से बचाव संभव है। भविष्य में, हृदय रोगों की रोकथाम और इलाज के लिए ब्लड ग्रुप के आधार पर व्यक्तिगत रणनीति बनाई जा सकती है, जिससे समय रहते गंभीर बीमारियों को टाला जा सके।
