सबरीमाला विवाद: मंदिर में प्रवेश करने वाली महिलाओं की याचिका पर सुनवाई कल

punjabkesari.in Thursday, Jan 17, 2019 - 04:10 PM (IST)

नेशनल डेस्क: उच्चतम न्यायालय केरल स्थित सबरीमला मंदिर में हाल में प्रवेश करने वाली दो महिलाओं को चौबीस घंटे सुरक्षा मुहैया कराने संबंधी याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई करेगा। वरिष्ठ अधिवक्ता इंदिरा जयसिंह ने प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एल एन राव और न्यायमूर्ति एस के कौल की पीठ के समक्ष इस मामले को वीरवार को सूचीबद्ध किया। 

मंदिर में प्रवेश करने वाली महिला पर सास ने​ किया हमला 
मंदिर में प्रवेश करने वाली एक महिला पर उसकी सास ने हमला किया था। उसने याचिका दायर करके दोनों महिलाओं की सुरक्षा की मांग की है। याचिका में प्राधिकारियों को यह निर्देश दिए जाने का अनुरोध किया गया कि सभी आयुवर्ग की महिलाओं को बिना किसी रुकावट के मंदिर में प्रवेश की अनुमति दी जाए और भविष्य में मंदिर में दर्शन की इच्छा रखने वाली महिलाओं को पुलिस सुरक्षा दिए जाने समेत उनका सुरक्षित प्रवेश सुनिश्चित किया जाए। इसमें महिला के जीवन एवं स्वतंत्रता को खतरे का भी जिक्र किया गया है।     

सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया था ऐतिहासिक फैसला
उल्लेखनीय है कि रजस्वला आयुवर्ग की दो महिलाओं ने सदियों पुरानी परंपरा तोड़ते और हिंदू संगठनों की धमकियों को नजरअंदाज करते हुए भगवान अयप्पा के सबरीमला मंदिर में प्रवेश किया था। मंदिर में 10 वर्ष से 50 वर्ष तक के आयुवर्ग की महिलाओं का प्रवेश वर्जित था। उच्चतम न्यायालय ने पिछले साल 28 सितंबर को इस प्रतिबंध को हटाने का ऐतिहासिक फैसला सुनाया था।    

महिलाओं को सुरक्षा मुहैया कराने की लगाई गुहार 
याचिका में कहा गया कि प्राधिकारियों को मंदिर में प्रवेश करने वाली दो महिलाओं को चौबीस घंटे पूर्ण सुरक्षा मुहैया कराने और उनके खिलाफ सोशल मीडिया पर या किसी अन्य माध्यम से शारीरिक और\या मौखिक हिंसा करने में शामिल प्रदर्शनकारियों के विरुद्ध कानून के अनुसार कार्रवाई करने का आदेश दिया जाए। याचिका में यह घोषणा करने को कहा गया कि 10 वर्ष से 50 वर्ष तक की आयु की महिलाओं को मंदिर में प्रवेश से किसी भी प्रकार से रोकना न्यायालय के 28 सितंबर, 2018 के आदेश के विपरीत है। 


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vasudha

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